रिपोर्ट देवेंद्र वर्मा संवाददाता सुल्तानपुर । सुलतानपुर जिले के जयसिंहपुर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत इसूर में कुछ पात्र लोंगों के साथ अधिकांश अपात्रों को पी एम आवास तो दिया गया किन्तु वही जो पी एम आवास के असली हकदारव पात्र थे उन्हें सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से वंचित रखा जाने का मामला सामने आ रहा है। जहाँ अपात्रों के पास पहले से जीवन गुजार बसर के लिए पक्के मकान और आवास है वही पात्र ग्रामीणों के पास कच्चे जर्जर मकान और छप्पर ही है जो कभी भी बरसात के समय गिर सकते है और बड़ी घटना के पात्र परिवार शिकार हो सकते है । कुशवः ग्रामीणों के कच्चे मकान तो पिछली ही बरसात में गिरकर जमीदोज हो चुके है किंतु राजस्व कर्मियों की हीलाहवाली के चलते किसी भी कोई सहायता तक नही मुहैया कराई गये। पात्र ग्रामीण जहां दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी मौजूद सरकार से आशा लगाए बैठे है किंतु उन्हें सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नही मिल सका। वही अपात्र है कि ग्राम प्रधान और सचिव से सांठगांठ कर आवास योजना का लाभ उठाकर मलाई काट रहे है और जिम्मेदार अधिकारी भी इसकी सही जांच न करकरके सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है।

विदित हो कि ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी करते हुए कार्यवाही की मांग की है।ग्रामीण राम तीरथ निषाद पुत्र अफाती ने बताया कि मेरे पास रहने के लिए केवल झोपड़ी है इसी में रहता हूँ कच्चा मकान पहले ही गिर चुका है औए झोपड़ी में भी बरसात के समय जीवन यापन करना खतरे से कम नही है कभी भी झोपड़ी गिर सकती है,वही ग्रामीण धर्मेंद्र ने बताया कि मेरे पास कच्चा जर्जर है पिछली बरसात में गिर गया था प्रधान और लेखपाल द्वारा सूचना के बाद जांच के बाद भी कोई सहायता नही दी गई। आवास और सहायता के नामपर केवल पैसा मांगा गया ,ग्रामीण निर्मला ने बताया कि मेरा कच्चा मकान है जो कि पूरा जर्जर हो चुका है किंतु कई सालों से इंतजार के बाद आवास नही दिया गया वही के दर्जनों ग्रामीणों शेरबहादुर रवींद्र, अशोक, बाबूलाल, रमेश ,जोखू, चकई, कुसुम समेत अन्य ने बताया कि हम पात्र होते हुए भी पी एम आवास योजना से वंचित रखे गए है और जो अपात्र है वो इसका लाभ उठा रहे है।
वहीँ जब पूर्व प्रधान वीरेंद्र वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन सभी का नाम सूची बनाकर भेजा गया था किंतु सिस्टम में तकनीकी समस्या के चलते इनका नाम कट गया है।
बड़ी अजीब बात है कि सरकारी सिस्टम भी ऐसा है कि जो अपात्र है उन्हें ही अपने पास रखता है और पात्र है उन्हें बाहर कर देता है योजना से। हमेशा गरीब और असहाय व मज़बूर ही सिस्टम के बलि की बेदी पर चढ़ता है और सक्षम हमेसा ही मजे करता है। अब देखना है कि ग्रामीणों के शिकायती पत्र पर उच्चाधिकारी कितना अमल करते है जिससे ग्रामीण पात्रों को न्याय और आवास मिल सके।

Google search engine
Previous articleE PAPER वाणीश्री न्यूज़ 28-08-2021 Saturday
Next articleजलियावाला बाग में भीषण नरसंहार की घटना पर विशेष