प्रतापगढ़। कोहड़ौर में कथा के दौरान कथा का महात्मय बताते हुए पंडित शेषधर मिश्र अनुरागी जी महाराज कहते हैं कि भगवान ही वह शाश्वत सत्य है, जिन्हें अवतरण के बालकाल मे ही संपूर्ण संसार के सुख-दुख को परिणित मे बदलने का असीमित ज्ञानचच्छु मिला हुआ है। परमात्मा को मनुष्य के जीवन के कर्मो के आधार पर उसकी दशा और दिशा को बदलने की अद्भुत क्षमता भी है। पंडित शेषधर मिश्र अनुरागी जी महाराज ने कहा कि प्रभु कृपालु है और सच्चे मन से की गई आराधना के प्रति सर्वसमय तथा सर्वज्ञ दयालु है। भगवान भक्त की इच्छा के स्वइच्छाधारी है और भक्त के सुख दुख को पल-पल समझने और उसकी श्रद्धा के अनुरूप प्रतिफल के भी सहज स्वीकार्य करता है। कथा मे मुख्य यजमान उपस्थित रहकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया । इस दौरान युवा पत्रकार शुभम श्रीवास्तव, दिनेश पाण्डेय, आशुतोष मिश्र, अरुण कुमार तिवारी, देवेंद्र पाठक, रामगोपाल, रामराज, राजाराम, रामनरेश, कृष्ण कुमार, अरुण पाठक, निरंजन पाण्डेय एवं क्षेत्र के बहुत से कथा प्रेमी भक्त गण मौजूद रहे ।

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