फ़िलवक्त फिल्म एडिटर अमित आनंद फिल्म संपादन के क्षेत्र में क्रियाशील रहते हुए सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्थाओं के साथ जुड़ कर गरीब असहाय लोगों की सेवा और मदद करने की दिशा में भी काफी सक्रिय रहते हैं। विदित हो कि अपनी बेसिक शिक्षा पूरी करने के बाद अमित आनंद ने आईफा से फ़िल्म निर्माण व एडिटिंग का कोर्स विधिवत पूरा किया। इसके बाद 2008 में विज्ञापन फ़िल्म टाटा स्काई शो बिज, जीएम लाइट, विप्रो लाइट, एलजी लाइट ऑफ जॉय, महिंदा एवं पी एंड जी जैसी चर्चित विज्ञापन फिल्मों के लिए एडिटर के तौर पर अनुबंधित किए जाने के बाद अमित आनंद अपनी प्रतिभा कौशल के बदौलत विज्ञापन की दुनिया में भी अपनी एक विशिष्ट छवि कायम करने में कामयाब रहे।
लघु फिल्म ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (2015), औसम- मौसम(2016), क्या फर्क पड़ता है(2016), कब्बडी (2018), मैथली (2020), वो तीन दिन, व कुतुबमीनार एवं पातालपानी (2021),विथ लव बॉलीवुड (थाई लैंड) जैसी फिल्मों का सम्पादन कर अमित आनंद सफल फ़िल्म एडिटर की कतार में शामिल हो गये। हिंदी फिल्म व धारावाहिक फिल्मों के सम्पादन के अलावा अमित आंनद कई क्षेत्रीय फिल्मों का भी सम्पादन किया है। अमित आनंद द्वारा सम्पादित कई फिल्मों को भारत के अलावा विदेशों में कई अवार्ड से नवाज़ा गया।
शार्ट फ़िल्म– गुड मॉर्निंग (निर्देशक व एडिटर), माँ (निर्देशक व एडिटर), नास्तिक (निर्देशक व एडिटर),