वाणीश्री न्यूज़, पटना । रिपोर्ट : शिवम प्रियदर्शी । बिहार के प्राथमिक शिक्षा की स्थिति दिन – प्रतदिन बदतर होती जा रही है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण लगभग एक वर्ष बाद विद्यालय 16 अगस्त से खुले तो हैं लेकिन छात्रों को पढ़ाने के पर्याप्त शिक्षक नही है ये हम नहीं कह रहे।ये बिहार शिक्षा विभाग की 2016 की डाईस रिपोर्ट बता रही है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 1 शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 3276 है,12507 विद्यालय जहाँ 2 शिक्षक , 10595 विद्यालय जहाँ 3 शिक्षक,7170 विद्यालय जहाँ 4 शिक्षक,4366 विद्यालय जहाँ 5 शिक्षक,3874 विद्यालय जहाँ 5 से अधिक शिक्षक है।प्राथमिक विद्यालयों में 5 वर्ग के लिए कम से कम 5 शिक्षक तो होने चाहिए,लेकिन एक शिक्षक के सहारे ही विद्यालय चल रहें हैं।बिहार के मध्य विद्यालयों की संख्या 3462 जहाँ 5 से कम शिक्षक,2831 विद्यालय जहाँ 5 शिक्षक , 3507 विद्यालय जहाँ 6 शिक्षक,3567 विद्यालय जहाँ 7 शिक्षक,3397 विद्यालय जहाँ 8 शिक्षक,12406 विद्यालय जहाँ 8 से अधिक शिक्षक है।
मध्य विद्यालयों में कम से कम 8 शिक्षक होने चाहिए लेकिन दो – तीन शिक्षक के सहारे विद्यालय चल रहे है।आखिर बिना शिक्षक के कैसे पढेंगे बिहार के बच्चे?कैसे मिलेंगे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा?सबसे बड़ा प्रश्न यहीं है।बता दे कि पूरे बिहार राज्य में 8004 ऐसे विद्यालय है जहाँ शिक्षक छात्र का अनुपात 100 से ज्यादा का है। जबकि पूरे बिहार राज्य का शिक्षक छात्र का अनुपात 57 है। सीतामढ़ी जिला का शिक्षक छात्र का अनुपात 75 है और नालंदा का शिक्षक छात्र का अनुपात 42 है।ये डाटा के अनुसार हम कह सकते हैं कि बिहार के शिक्षा व्यवस्था राज भरोसे है।बता दे वर्ष 2019 में बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों के लिए 94000 शिक्षको की बहाली निकाली गई।जो बहाली विगत दो वर्षो से विभिन्न याचिका के मामले में फंसा हुआ था।
शिक्षक अभ्यर्थियों के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद जुलाई में बहाली प्रक्रिया शुरू हुई। अभितक जुलाई और अगस्त में लगभग 40 हजार शिक्षकों का चयन हुआ है लेकिन बचे हुए सीटो की न तो काउंसलिंग का शेड्यूल जारी हुआ है और न ही चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है।शिक्षा विभाग प्रमाणपत्र जांच के बहाने से इन शिक्षकों को विद्यालय नही भेज रही है जबकि बिहार के प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की हकीकत आप ऊपर दिये डाटा से आसानी से समझ सकते है।
इस संबंध में बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ के सौरव कुमार ने कहा की हम सरकार से मांग करते है कि जल्द से जल्द बचे हुए सीटों की काउंसलिंग शुरू की जाए एवं नवचयनित शिक्षकों को विद्यालय भेजा जाए,जिससे बिहार के शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सके।साथ ही टीचर्स एकेडमी ग्रुप के विवेक कुमार ने कहा की बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी संभव हैं जब यहां सभी विद्यालयों में शिक्षक हो,इसलिए सरकार एवं शिक्षा विभाग जल्द से जल्द चयनित शिक्षक को नियुक्ति पत्र दे एवं बचे हुए सीटों पर काउंसलिंग जल्द करवाए।