वाणीश्री न्यूज़, हाजीपुर(वैशाली)। भाजपा ने नीतीश कैबिनेट के मंत्री मुकेश सहनी का पॉलिटिकल पानी नाप लिया है। लोकसभा-विधानसभा व हाल के उप चुनाव में अपने घर के बूथ पर हुए पॉलिटिकल परीक्षा में मुकेश सहनी फेल साबित हुए हैं। लिहाजा बीजेपी कोई वैल्यू देते नहीं दिख रही। जब विधानसभा चुनाव में जनता ने नकारा तब भाजपा के सहयोग से माननीय बने मुकेश सहनी अब पड़ोसी राज्य यूपी में भाजपा के स्टार सीएम योगी को ही आंख दिखा रहे हैं। नीतीश कैबिनेट के मंत्री मुकेश सहनी यूपी में लगातार जनसभा कर सीएम योगी को निशाना बना रहे। इसके बाद भी भाजपा पर कोई प्रभाव नहीं है। बीजेपी मुकेश सहनी का कोई नोटिस लेते नहीं दिख रही। बीजेपी ने तो चेतावनी के अंदाज में यहां तक कह दिया है कि आपका पॉलिटिकल प्राण हमारे हाथों में है।
बीजेपी सांसद ने मुकेश सहनी को चेताया
बीजेपी ने बिहार में मुकेश सहनी की हवा निकाल दी है। पार्टी की तरफ से मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद मैदान में हैं। भाजपा सांसद ने वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को हैसियत बताते हुए कह दिया है कि बिहार में चुनाव लड़ना है तो पहले योगी-योगी जपना होगा । योगी जिंदाबाद कहना होगा तभी नैया पार लगेगी। भाजपा सांसद अजय निषाद ने शुक्रवार को लखनऊ में बीजेपी-निषाद पार्टी की संयुक्त जनसभा की तस्वीर शेयर करते हुए मुकेश सहनी पर हमला बोलते हुए कहा कि आँख खोलकर देख लो लखनऊ में बीजेपी उत्तरप्रदेश और निषाद पार्टी की सँयुक्त रैली को…. पूरे देश के निषाद समाज का विश्वास सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी के साथ है। वीआईपी चीफ मुकेश सहनी पर बड़ा हमला बोलते हुए सांसद अजय निषाद ने कहा कि जिनका खुद का राजनैतिक “प्राण” बीजेपी बिहार के हाथ मे हो वे हमें नसीहत दे रहे हैं। योगी जिंदाबाद कहना होगा तभी “नैया” पार लगेगी।
ठग है मुकेश सहनी-
मुजफ्फरपुर के बीजेपी सांसद अजय निषाद ने मंत्री मुकेश सहनी को चेताते हुए कहा है कि बिहार में एक सीट बोचहां में उप चुनाव होने वाले हैं। उक्त सीट वीआईपी विधायक के निधन से खाली हुई है। लेकिन यह सीट एकबार फिर से तभी मुकेश सहनी को मिल सकती है जब वे योगी-योगी जपेंगे। बिना योगी के नाम के जाप के वे बिहार में चुनाव नहीं जीत सकते। भाजपा सांसद ने कहा कि यूपी के सीएम हमारे नेता हैं उनके खिलाफ मुकेश सहनी बयानबाजी कर रहे,यह बर्दाश्त नहीं।मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने आगे कहा कि मुकेश सहनी की बिहारके सहनी समाज में कोई वजूद नहीं है। अगर वजूद ही रहता तो पहले महबूब अली कैसर से चुनाव हारे फिर उनके बेटे से। अब तो उनके पोते से ही चुनाव हारना शेष रह गया है। विस चुनाव 2020 में मुकेश सहनी को भाजपा ने 11 सीटें दी। उन 11 सीटों में सहनी समाज को कितनी सीटें दी गई? टिकट देते समय सहनी समाज नहीं दिखा और चले हैं सन ऑफ मल्लाह बनने। मुकेश सहनी राजनीति नहीं व्यवसाय करते हैं।भाजपा सांसद ने तो मुकेश सहनी को ठग तक कह दिया। उन्होंने कहा कि इन्होंने सहनी समाज को ठगने का काम किया है। लेकिन ठगी अधिक दिनों तक चल नहीं सकती। जनता सब समझ रही है। हमलोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं दहाड़ने का काम करते हैं। राजनीति करते हैं मुकेश सहनी की तरह व्यवसाय नहीं।
अपने घर में भी सहयोगी दल के कैंडिडेट को नहीं दिला सके वोट
वीआईपी चीफ मुकेश सहनी राजद के साथ रहकर न लोकसभा का चुनाव जीत सके और न बीजेपी-जेडीयू के साथ रहकर विधानसभा का। हाल ही में कुशेश्वरस्थान सीट पर संपन्न हुए उप चुनाव में अपने घर(पंचायत) के बूथ पर भी जेडीयू कैंडिडेट को वोट नहीं करवा सके। मुकेश सहनी को 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने भाव नहीं दिया था। तेजस्वी यादव वीआईपी को एक भी सीट देने को राजी नहीं हुए। इसके बाद मुकेश सहनी ने पाला बदल बीजेपी के साथ गठबंधन किया। बीजेपी ने 11 सीटें दी। सहनी खुद भी चुनाव लड़े लेकिन करारी हार मिली। हालांकि इनके दल के 4 उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए। विधायक बनने में असफल होने के बाद बीजेपी ने मुकेश सहनी को अल्प अवधि के लिए विधान परिषद भेजा। इस बार कुशेश्वरस्थान विस सीट पर हुए उप चुनाव में भी मुकेश सहनी का गांव अफजला पंचायत के रतौली गांव में है।वे अपने गांव के बूथ पर भी सहयोगी दल जेडीयू कैंडिडेट की जीत नहीं दिला सके। इनके पंचायत में जेडीयू कैंडिडेट की करारी हार मिली। ऐसे में समझ सकते हैं कि मुकेश सहनी की अपने घर में कितनी पकड़ है