आईसीडीएस विभाग के प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र पर भी मनाया गया।वहीं बिदुपुर प्रखंड के आंगनवाड़ी केंद्र चकजैनब,केन्द्र सं0 20 पर भी नशा मुक्ति दिवस के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय आंगनवाड़ी कर्मचारी महासभा के प्रदेश महासचिव सह् आंगनवाड़ी सेविका सविता कुमारी के द्वारा ग्रामीणों को शपथ दिलाई गई। पहले तो उन्होंने कहा कि कतार बद्ध खड़ा हो जाने से या शपथ ले लेने से यह प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो जाती, बल्कि इसके लिए तन मन से आगे आना होगा।क्योंकि हमारे घर परिवार गांव समाज के लोग जब तक अपने आप में यह ना सो सोच ले,उन्हें यह ज्ञान ना हो जाए कि शराब उनके और उनके परिवार समाज के लिए कितना खतरनाक है तब तक यह दिवस मनाने से कोई फायदा नहीं। फिर भी हम लोग अपना प्रयास जारी रखेंगे कि शराब ना पिएंगे ना किसी को पीने देंगे।वही शपथ दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग आजीवन शराब का सेवन नहीं करेंगे। मैं कर्तव्य पर उपस्थित रहूं अथवा ना रहूं, अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होऊंगी। शराबबंदी को लागू करने के लिए जो भी विधि सम्मत कार्रवाई अपेक्षित है उसे करूंगी। यदि शराब से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल पाई जाऊंगी तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई की भागीदारी बनूंगी। वही नीतू कुमारी शर्मा, अभिलाषा कुमारी व ममता देवी ने कहा कि आज से परिवार के लोगों को शराब नहीं पीने देंगे और जहां किसी समारोह में मद्यपान होगा वहां हम लोग विरोध जताते हुए उनलोगों से दूरी बना लेंगे।सविता ने लोगों को यह भी समझाया कि नशे की लत ना सिर्फ नशा करने वाले व्यक्ति का जीवन बर्बाद करता है बल्कि उसके परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। इसलिए नशा को सिर्फ एक आदत के रूप में नहीं बल्कि एक बीमारी के रूप में जानना चाहिए। शराब का सेवन करने वाले लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत बीमार हो जाते हैं और उनका समाज में भी छवि खराब हो जाता है।

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