हाजीपुर(वैशाली)पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी 40 वर्षों से ज्यादा रेलवे को उत्कृष्ट सेवा देने के उपरांत आज रेल सेवा से सेवानिवृत्त हो गये।माननीय रेल, वाणिज्य,उद्योग एवं खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बुधवार को सम्पूर्ण भारतीय रेल से सेवानिवृत्त हो रहे 3865 अधिकारियों व कर्मचारियों को नई दिल्ली से वीडियो लिंक के माध्यम से भावभीनी विदाई देते हुये उनके सुखमय भविष्य की कामना की।
रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में महाप्रबंधक एल सी त्रिवेदी को भारतीय रेल का सबसे होनहार अधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि एल.सी. त्रिवेदी रिटायर्ड जरूर हो रहे हैं लेकिन वह रीटायर्ड नहीं हुए हैं।रेल में उनके 40 वर्षों का अनुभव काफी कारगर सिद्ध हो इसके लिए रेल से जुड़े रहने का सुझाव दिया।रेलवे बोर्ड के एनजीओ जो रेल सहयोग के रूप में जानी जाती है।जिसमें अमूमन रेलवे के रिटायर्ड वरीय अधिकारी रजिस्टर्ड होते हैं। रेलमंत्री ने त्रिवेदी को रेल सहयोग में रजिस्टर्ड होने की अपील की और एक गेस्ट फैकेल्टी के रूप में रेलवे के ट्रेनिंग सेंटरों में खासकर नायर एवं अन्य संस्थाओं में ट्रेनिंग देने के लिए सुझाव दिया।
माननीय रेल मंत्री ने कोविड के दौरान रेलवे की भूमिका की सराहना की।उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस सेवा का एक मार्ग बना।पिछले वर्ष कोविड के बावजूद भारतीय रेल ने रिकॉर्ड लोडिंग की।इस दौरान 1233 मिलियन टन की लोडिंग हुई जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना।इसके पूर्व ईस्ट सेंट्रल रेलवे ऑफिसर्स एसोसिएशन,मान्यता प्राप्त यूनियन,पांचों मंडल के मंडल रेल प्रबंधक व रेलकर्मियों ने महाप्रबंधक को भावभीनी विदाई दी । रेलवे सुरक्षा बल द्वारा महाप्रबंधक की विदाई पर उनके सम्मान में सलामी परेड दी गयी।
विदित हो कि ललित चंद्र त्रिवेदी ने दिनांक 06.03.2018 को पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया था तब से अब तक महाप्रबंधक के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पूर्व मध्य रेल द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया जा सका।ललित चंद्र त्रिवेदी के कार्यकाल में पूर्व मध्य रेल ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं । इनके कार्यकाल में पूर्व मध्य रेल की कार्य संस्कृति में काफी सुधार आया तथा साथ ही कार्यालय में समय-पालन,अनुशासन एवं कर्त्तव्यों तथा लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ी।
त्रिवेदी के पूर्व मध्य रेल में पदभार ग्रहण से अब तक कुल 124 आरआरआई/पीआई का कार्य पूरा किया गया।इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं बहुप्रतिक्षित दानापुर स्टेशन का आरआरआई का कार्य भी शामिल है जो पिछले 19 वर्षों से लंबित था। इसके साथ ही डेहरी ऑन सोन एवं सोननगर स्टेशनों का आरआरआई कार्य पूरा करते हुए भारतीय रेल के अतिव्यस्त ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर स्थित सबसे लंबी तीहरी लाइन वाली सोन ब्रिज के तीसरे लाईन पर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया गया।
किउल-लखीसराय, मुजफ्फरपुर,बछवारा यार्ड रिमॉडलिंग, पतरातु आआरआई जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य इस अवधि में पूर्ण हुए।महाप्रबंधक की विशेष पहल पर पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों को तीव्र रेल यातायात मुहैया कराते हुए पूर्व मध्य रेल द्वारा लगभग शत-प्रतिशत पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन मेमू/डेमू रेक से किया जा रहा है।इससे दो स्टेशनों की दूरी तय करने में पहले की तुलना में काफी कम समय लग रहा है।जिससे बड़ी संख्या में यात्री लाभान्वित हो रहे हैं।वर्तमान में मेमू के 46 रेक तथा डेमू के 13 रेक से पूर्व मध्य रेल के विभिन्न स्टेशनों के मध्य पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
इसी क्रम में यात्रियों को तीव्र गति से संरक्षित रेल परिचालन उपलब्ध कराया जा सके इसके लिए अधिकांश ट्रेनों का परिचालन एलएचबीच रैक से प्रारंभ किया गया। वर्तमान में पूर्व मध्य रेल के लगभग 45 प्रतिशत कोचों को एल.एच.बी. में परिवर्तित किया जा चुका है।झाझा-पटना-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. और धनबाद-गया-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. रेलमार्ग पर एलएचबी युक्त रेक से ट्रेनों का परिचालन 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से किया जा रहा है।
महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी के कुशल मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि वर्ष 2018 से अब तक महज 03 वर्ष में 50 एल.एच.बी. रेक मुहैया कराते हुए वर्तमान में 32 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन एल.एच.बी. रेक से किया जा रहा है। इसी तरह श्री त्रिवेदी के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण के समय पूर्व मध्य रेल में मात्र 12 मेमू/डेमू सेवाएं उपल्बध थीं जो अब बढ़कर 62 हो गई है।यात्रियों के मध्य लोकप्रिय पटना-नई दिल्ली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस की गति को राजधानी एक्सप्रेस के बराबर की गई ।
एलएचबी युक्त ट्रेनों की गतिसीमा 110 किमी/घंटा से बढ़ाकर 130 किमी/घंटा की गई।इसी का परिणाम है कि पटना से नई दिल्ली की दूरी महज 12 घंटे में पूरी की जा रही है । वर्तमान में पूर्व मध्य रेल के राजेंद्रनगर टर्मिनल, मुजफ्फरपुर और सहरसा डिपो शत-प्रतिशत एल.एच.बी. डिपो है।निर्माण परियोजनाओं के क्षेत्र में भी महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने ठोस निर्णय लेते हुए निर्माण परियोजनाओं की स्वयं मॉनिटरिंग करते रहे।त्रिवेदी की असाधारण परियोजना प्रबंधन कौशल का ही परिणाम है कि मार्च, 2018 से जून 2021 तक की अवधि में 156 किमी नई लाईन, 236 किमी दोहरीकरण तथा 183 किमी आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया।
महाप्रबंधक के नेतृत्व में पूर्व मध्य रेल में विद्युतीकरण में अभूतपूर्व तेजी आई जिसके परिणामस्वरूप मार्च 2018 से अब तक लगभग 1200 रूट किलोमीटर विद्युतीकृत किए गए।वर्तमान में पूर्व मध्य रेल के 4220 रूट किमी में से 3660 रूट किमी का विद्युतीकरण किया जा चुका है।इस प्रकार समस्त रेल नेटवर्क का लगभग 87 प्रतिशत भाग विद्युतीकृत हो चुका है।
स्टेशनों के सौंदर्यीकरण की दिशा में एक अभिनव कदम उठाते हुए मिथिला पेंटिंग से मधुबनी स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया गया साथ ही राजेन्द्रनगर टर्मिनल, पटना साहिब, पटना जंक्शन,पाटलीपुत्र एवं दानापुर सहित कई स्टेशनों के मुख्य भवन के अग्रभाग का सौंदर्यीकरण किया गया साथ ही,पूर्व मध्य रेल से खुलने वाली पटना राजधानी,वैशाली एक्सप्रेस एवं बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को मधुबनी पेंटिंग से चित्रित किया गया। महाप्रबंधक के कुशल मार्ग दर्शन का ही परिणाम है कि कई वर्षों के बाद कोसी रेल ब्रिज पर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया जा सका ।
रिपोर्ट मोहम्मद शाहनवाज अता ।