अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी गायत्री परिवार महिला मंडल के द्वारा गायत्री परिवार की वरिष्ठ परिजन हम सभी के गार्जियन श्री हरि नाथ गांधी जी के आवास पर महिला मंडल के संयोजक श्रीमती शीला चौधरी के नेतृत्व में महिला मंडल एवं प्रज्ञा युवा मंडल के सभी भाइयों बहनों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर नारी जागरण नारी सशक्तिकरण नारी उत्थान पर सामूहिक संवाद का आदान-प्रदान किया इस अवसर पर श्री हरीनाथ गांधी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज के परिवेश में नारी को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए पाश्चात्य संस्कृति को तिलांजलि देना पड़ेगा और अपना गरिमामई इतिहास को अपनी गरिमा में संस्कृति को पुनः अपने जीवन में स्थापित करना पड़ेगा जब तक महिला अपनी अपनी गरिमा को नहीं समझेगी नारी उत्थान नहीं हो सकता उसका उत्थान नहीं हो सकता वंदनीय माता जी द्वारा लिखा हुआ नारी सशक्तिकरण पर आधारित साहित्य को जीवन में स्थान दे उसका स्वाध्याय करें चिंतन मनन करें तथा सफल दांपत्य जीवन के सिद्धांत को अपने जीवन में धारण करें तब ही परिवार समाज और देश बढ़ेगा तथा महिला का सर्वांगीण विकास होगा समाज सशक्त होगा इस अवसर पर श्रीमती शीला चौधरी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज नारी ही नारी का शोषण कर रही है आज नारी ही नारी का दुश्मन बनी हुई है आज नारी फैशन तथा साज-सज्जा पर अधिक ध्यान न देकर देश की महान नारियां माता सीता माता शारदा मनि माता भगवती देवी शर्मा तथा देश की महान वीरांगना को पढ़ें तथा उनके आचरण को अपने जीवन में उतारे घर परिवार तब ही कलह कुढन समाप्त हो जाएगा और परिवार में ही सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी गायत्री परिवार के परिजन शशि भूषण गुप्ता जी ने बताया कि माताजी पूज्य गुरुदेव एक दूसरे को हमेशा सम्मान प्यार और मान सम्मान देते रहे पूज्य गुरुदेव अपनी धर्मपत्नी को माताजी कहकर संबोधित करती थी और माताजी अपने पति को भगवान आराध्य अपना ईस्ट पूज्य गुरुदेव कहकर संबोधित करती थी इस प्रकार के एक दूसरे के प्रति परस्पर प्रेम ही सुखी दांपत्य जीवन का आधार है इस अवसर पर गायत्री परिवार के पंकज कुमार ने भी उपस्थित सभी माताओं बहनों से पूज्य गुरुदेव द्वारा लिखित सत साहित्य को पढ़ने का आग्रह किया तथा अपने दांपत्य जीवन में भी जो कुछ भी अच्छा दिख रहा है उसका कारण पूज्य गुरुदेव साहित्य का स्वाध्याय को बताया जब हम पूज्य गुरुदेव का साहित्य का स्वाध्याय करते हैं तो स्वता हमें सफल दांपत्य जीवन का सूत्र प्राप्त होता है पूज्य गुरुदेव द्वारा दिया गया सूत्र एक ही है एक गृहस्थ एक तपोवन है जिसमें संगम सेवा और सहनशीलता की साधना करनी पड़ती है दूसरा कोई सूत्र नहीं है लालबाबू सिंह राजीव पांडे डॉक्टर एस के सज्जन निशांत गांधी श्रीमती मालती शर्मा शांति शर्मा रीना रीना देवी सीमा चौधरीअर्चना कुमारी दीपमाला कुमारी किरण देवी कविता कुमारी तथा समस्त महिला मंडल युवा मंडल ने बढ़-चढ़कर कार्यक्रम में भाग लिया तथा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मशाल जुलूस निकालकर जयघोष करते हुए शहर से घूमते हुए राजेंद्र चौक पर पहुंच कर शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया

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