वाणीश्री न्यूज़, सुल्तानपुर । कूरेभार के सूबेदार पाठक का पुरवा गांव में पिछले 24 दिन से रखे गए शिवांक पाठक के शव का मंगलवार को दोबारा पोस्टमार्टम हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारी घर पहुंचे। घरवालों के साथ ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा भरवाया गया। तीन डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। शाम को परिवारजन ने गोमती नदी के कुड़वार घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।गत एक अगस्त को दिल्ली में रोहणी के बेगमपुरा मुहल्ले में शिवांक पाठक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा स्वजन को सौंप दिया था। रिपोर्ट से असंतुष्ट पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में बेटे की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए अर्जी दी। अर्जी खारिज होते ही तीन अगस्त को वह शव को लेकर गांव चले आए। जिलाधिकारी से मुलाकात कर दोबारा पोस्टमार्टम की मांग किया। प्रकरण में कोई कार्रवाई होती न देख शव को घर पर ही डीप फ्रीजर में रखकर शासन-प्रशासन से लगातार अर्जियां करते रहे।
दैनिक जागरण ने 18 अगस्त को न्याय की आस में 17 दिन से रखा है शव, शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। प्रकाशित समाचार को उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया और पत्र लिखकर डीएम से रिपोर्ट मांगी। इसी बीच मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप भी शुरू हो गया। सत्ता से लेकर विपक्ष तक लोग घर पहुंचे। दौरे पर आई सांसद मेनका गांधी को जानकारी हुई तो उन्होंने पीडि़त परिवार से बात कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। रक्षाबंधन के दिन रविवार पुलिस व प्रशासन की टीम थाने पर जाकर घरवालों को थाने बुलाया और अंतिम संस्कार करने की बात कही। इस संबंध में अंतिम संस्कार करने के लिए घरवालों को नोटिस भी दिया गया। राजनैतिक दबाव बढ़ता देख प्रशासन भी बैकफुट पर आया और मंगलवार को दोबारा पोस्टमार्टम कराना पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद भाई ईशांक पाठक ने अपने भाई को नम आंखों से मुखाग्नि दी।
क्या है पूरा मामला :
पिता ने बताया की बेटे शिवांक पाठक ने दिल्ली के बेगमपुरा इलाके में एक युवक के साथ पार्टनरशिप में एक काल सेंटर कंपनी खोली थी। कंपनी में एचआर मैनेजर पद पर तैनात युवती से उसको प्यार हो गया। 2013 में दोनों ने शादी कर ली। कारोबार बढ़ा तो पत्नी के तेवर भी बदलने लगे। उसकी जबरदस्ती पर शिवांक ने उसके नाम पर दो फ्लैट, 85 लाख की एक कार व गहने आदि करवा लिए। शिवांक भी मायके वालों की भी हर ख्वाहिश पूरी करता रहा। बेटे के शव के पास बैठे शिव प्रसाद रोते हुए बताते हैं कि पत्नी मायके वालों को कंपनी का पार्टनर बनाने का दबाव बना रही थी। उसका पार्टनर भी उसे उकसाया करता था। उनका बेटा अपनी पत्नी व उसके मायके वालों की प्रताड़ना से तंग आ गया था।
बावजूद इसके सब कुछ सही हो जाने की उम्मीद में चुप होकर परिस्थितियों का सामना कर रहा था। पिछले महीने 19 जुलाई को शिवांक ने अपने छोटे भाई इशांक को फोन कर आपबीती बताई थी और एक अगस्त को उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पिता ने पत्नी और उसके दोस्त पर हत्या करने का आरोप लगाया है।
इन डाक्टरों ने किया पोस्टमार्टम :
दोपहर बाद डा. गोपाल रजक, डा. अरविंद व डा. राम धीरेंद्र के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसकी पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी रवीश गुप्ता को भेजी गई है। वहीं विसरा सुरक्षित रखा गया।
सुबह से डटे रहे अधिकारी :
उपजिलाधिकारी रामजी लाल, नायब तहसीलदार कादीपुर शालिनी सिह, क्षेत्राधिकारी बल्दीराय राजाराम चौधरी के साथ धनपतगंज व कूरेभार थाने की फोर्स मौजूद रही।