बीपीएससी द्वारा आयोजित व्याख्याता परीक्षा में पाया दसवां स्थान,किया वैशाली जिले का नाम रौशन
खुद ही को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले,
खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है।
हजरत जन्दाहा(वैशाली)। ऐसा ही वाक्या हुआ है जन्दाहा बाजार निवासी एक सरकारी शिक्षक के साथ।जो अपनी मेहनत के बलबूते वो कर दिखाया है जो पूरे वैशाली जिले के लिए गौरव और जन्दाहा के लिए खुशी व फख्र की बात है तो नाज महनार प्रखंड को भी है।जी हां।हम बात कर रहे हैं एक सरकारी शिक्षक विवेक कुमार की जो बिहार के वैशाली जिले के जन्दाहा बाजार के रहने वाले हैं और जिले के ही महनार प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय जावज में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत होते हुए अपने विलक्षण प्रतिभा से बीपीएससी द्वारा आयोजित सरकारी प्रशिक्षण महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों के व्याख्याता परीक्षा में दसवां स्थान लाकर एक इतिहास रचा है।फाइनल परिणाम घोषित होते ही उनके घर एवं पूरे बाजार में खुशी का माहौल है।इस खबर को जानने के बाद बधाई देने का सिलसिला जारी है।इस संबंध में बातचीत के दौरान विवेक कुमार ने बताया कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव में ही हुई है।
मैट्रिक की परीक्षा जन्दाहा के आर ए एस हाई स्कूल से प्रथम श्रेणी से पास किया।जबकि इंटर समता कॉलेज जन्दाहा से प्रथम श्रेणी से और आरडीएस कॉलेज मुजफ्फरपुर से इतिहास विषय से स्नातक करने के बाद वर्ष 2000 में बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पास कर सहायक शिक्षक पद पर प्राथमिक विद्यालय थानपुर में योगदान दिया।नौकरी मिलने के बाद भी विवेक कुमार ने उच्च शिक्षा प्राप्त करना जारी रखा।नालंदा खुला विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में एम ए करने के बाद इग्नू से बीएड और एम ऐड किया साथ ही उन्होंने इतिहास और शिक्षा विषय से नेट में उत्तीर्णता प्राप्त की।जन्दाहा में बीआरपी के पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों के लिए सराहनीय कार्य किया।
वर्ष2021में इन्हें शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वैशाली द्वारा विद्यालय प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापक के रूप में पुरस्कृत किया गया।जन्दाहा बाजार निवासी विवेक कुमार अपने पिता स्वर्गीय रामनाथ चौधरी और माता शोभा देवी के पांच संतानों में चौथे संतान हैं अन्य दो भाई और एक बहन भी शिक्षक पद पर कार्यरत है।
इनकी पत्नी सुप्रिया भी उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय रोहुआ प्रखंड जन्दाहा में स्नातक शिक्षिका पद पर कार्यरत है।पिताजी का 27 जुलाई 2021 को गंभीर बीमारी से देहांत हो गया।माता शोभा देवी ने बताया कि विवेक शुरू से ही परिश्रमी रहा है।इनके पिता हमेशा आगे बढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित करते रहते थे।
आज वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके प्रेरणा से बेटे को आज लेक्चरर का पद प्राप्त हुआ है। विवेक कुमार भी अपनी सफलता के लिए पिताजी और पूरे परिवार को इसका श्रेय देते हैं।विवेक कुमार ने बताया कि मेहनत और सतत् प्रयास ही उनकी सफलता का मूल मंत्र है।
रिपोर्ट: मोहम्मद शाहनवाज अता