वाणीश्री न्यूज़, हाजीपुर(वैशाली) पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के अधीन स्वायत्तशासी निकाय होटल प्रबंधन संस्थान हाजीपुर के सभागार में विश्व मानवाधिकार के अवसर पर राष्ट्रीय समाचार पत्रिका मानवाधिकार टुडे और होटल प्रबंधन संस्थान हाजीपुर के द्वारा डॉ शशि भूषण कुमार की अध्यक्षता में मानवाधिकार एवं दुर्बल समूह विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का उद्घाटन जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री ज्ञानेश्वर प्रकाश एवं देवचंद कॉलेज हाजीपुर के प्राचार्य डॉ तारकेश्वर पंडित द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एनएन कॉलेज सिंघाड़ा के प्रोफेसर श्री संजय सिंह, होटल प्रबंधन संस्थान हाजीपुर के विभागाध्यक्ष वन श्री सुमित चटर्जी तथा विभागाध्यक्ष दो श्री कल्याण मुखर्जी उपस्थित थे। परिचर्चा के प्रारंभ में गीतकार अमरेंद्र कुमार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री ज्ञानेश्वर प्रकाश ने अपने विचार को व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकार का विचार उतना ही पुराना है जितना की मानव सभ्यता। मानवाधिकार सभी को प्राप्त अधिकार है जिसके अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करता है। वहीं डॉ तारकेश्वर पंडित ने कहा कि भारतीय संविधान के भाग 3 अनुच्छेद 14 से 35 में 6 प्रकार के मौलिक अधिकार दिए गए हैं साथ ही संविधान के भाग 4 में 11 मौलिक कर्तव्यों की चर्चा की गई है। हमें अधिकारों के उपभोग के साथ-साथ कर्तव्यों के पालन पर भी बल देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित श्री सुमित चटर्जी ने बताया कि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा पत्र यूडीएच आर को स्वीकार किया गया था इसलिए प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। उन्होंने मानवाधिकार के वर्तमान परिपेक्ष पर भी प्रकाश डाला। वही होटल प्रबंधन संस्थान के श्री कल्याण मुखर्जी ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान पर यूडीएच आर का स्पष्ट प्रभाव है। भारतीय संविधान के अनेकों मानवतावादी प्रावधान यूडीएच आर से लिए गए हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ शशि भूषण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि मानवाधिकार का संबंध मानवीय गरिमा से है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है । चाहे वह किसी भी वंग, क्षेत्र, जाति, धर्म, पंथ,आदि से संबंधित हो। वहीं श्री मुर्तजा कमाल राजभाषा अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में शिक्षण संस्थानों में मानवाधिकार विषय पर परिचर्चा सेमिनार इत्यादि का आयोजन निश्चित तौर पर होना चाहिए। आज के युवा अपने अधिकारों की जानकारी अच्छी तरह से रख सकें इसकी जरूरत है। इस कार्यक्रम में मंच संचालन श्री अमित कुमार विश्वास ने किया। वहीं परिचर्चा में गरिमामई उपस्थिति के रुप में श्री सत्येंद्र कुमार, श्री अरुण कुमार निराला, डॉक्टर शिवबालक राय प्रभाकर, श्री शंकर जी किशोर, श्री पंकज कुमार सिंह, विनय द्विवेदी, दिलीप कुमार, नलिनी भारद्वाज,सुश्री अलका, सुश्री सुमन चटर्जी, मोहम्मद हलीम मुर्तजा, कमाल, अंशुमन प्रभाकर, नवीन कुमार सिंह,, जितेंद्र कुमार सिंह, मोहन कुमार, रंजीत प्रकाश, अरविंद कुमार, नीरज कुमार पांडे, श्री विकास कुमार, अनुष्का चौहान इत्यादि उपस्थित थे। इस परिचर्चा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं संस्थान के छात्र छात्राओं को आयोजक मंडल द्वारा सम्मानित किया गया।