उन्होंने देवानंद की कई फिल्मों में उनके प्रोडक्शन के काम को भी संभाला था। 1976 में यश जौहर ने ‘धर्मा प्रोडक्शन’ के नाम से अपना प्रोडक्शन हाउस की नींव रख कर राज खोसला के निर्देशन में फिल्म ‘दोस्ताना’ का निर्माण किया था। फिल्म के मुख्य कलाकार अमिताभ बच्चन, जीनत अमान, शत्रुघ्न सिन्हा थे। फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी ने दिया था। बाद में अपने पिता की उत्कृष्ट फ़िल्म निर्माण शैली को आत्मसात कर करण जौहर ने अपने पिता को ट्रिब्यूट के तौर पर 2008 में जॉन अब्राहम और अभिषेक बच्चन के साथ एक और फिल्म ‘दोस्ताना’ बनाई थी। धर्मा प्रोडक्शन की अग्निपथ, गुमराह और डुप्लीकेट के बाद साल 1998 में फिल्म ‘कुछ-कुछ होता है’ रिलीज हुई। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़े और फिल्मकार यश जौहर को बड़ी पहचान भी दिलाई। इसके बाद यश जौहर ने ‘कभी ख़ुशी कभी गम’ बनाई।
वर्ष 2003 में आई ‘कल हो ना हो’ उनके जीवन की आखिरी फिल्म साबित हुई। यश जौहर की फिल्मों में सेट और लोकेशन का बहुत ही ज्यादा महत्व रहा है। यश जौहर का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान 6 सितम्बर, 1929 को पंजाब प्रांत के लाहौर में हुआ था। उनकी शादी हिरू जौहर से हुई। 26 जून 2004 को 75 वर्ष की आयु में महान निर्माता यश जौहर का मुंबई में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। उनके पुत्र करण जौहर बॉलीवुड में सकारात्मक विचारधारा के साथ अपने पिता द्वारा स्थापित बैनर धर्मा प्रोडक्शन के परंपरागत तरीकों को पूर्ण रूप से अपनाया है और अपने पिता की विरासत को संभालते हुए कर्मपथ पर अग्रसर हैं। फ़िलवक्त करण जौहर के द्वारा यश जौहर फाउंडेशन को यश जौहर की स्मृति में लॉन्च किया जाना भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक शुभ संकेत है।