
अभिषेक भारती, तेघड़ा। तेघड़ा प्रखंड में भारतीय सब लोग पार्टी के जिलाधयक्ष सिंटू राज ने सैकड़ों गरीब निसहाय गरीब जरूरत मंद लोगो के बीच राहत सामग्री किया वितरण. जिलाध्यक्ष सिंटू राज ने बताया कि कोराना महामारी से गरीब, विकलांग लोगों को काफी परेशानी हो रही हैं.
मानवता के नाते इस आपदा की घड़ी सभी संपन्न लोगों को गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.उन्होंने ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों के साथ सरकार द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है. बाहर से आए बिहार के लोगो को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 14 दिन रखा जाएगा जिसको सरकार के द्वारा खाने व रहने के लिए सुविधा दी जाएगी. क्वॉरेंटाइन सेंटरों के नाम पर,पर व्यक्ति 200 से ₹300 रुपये प्रत्येक दिन खर्च दिया जा रहा है.
साथ ही खाने की मैन्यू भी बनाई गई है. जो इस प्रकार है, सुबह का नाश्ता – चना, गुड़, दो केला, चाय, या दूध 200 मिलीलीटर ,अंकुरित,दिन का भोजन-चावल, दाल, मौसमी सब्जी, पापड़, सलाद- शाम का नाश्ता- बिस्कुट पैकेट, चाय, या भूंजा, एवं- रात का भोजन-रोटी मौसमी सब्जी या चावल दाल सलाद देना है. वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रहने वाले लोगों के लिए पर व्यक्ति महिला/पुरुष ₹1000 का दैनिक उपभोग का सामान दिया जाएगा .जो इस प्रकार है ₹600 रुपया- थाली कटोरा बेडशीट लूंगी गंजी गमछा वहीं महिला के लिए सारी ब्लाउज सेनेटरी नैपकिन फ्रॉक पेंट (पुरुष/महिला) साथ ही वही ₹400 रुपया-बाल्टी मग शैंपू पाउच टूथब्रश कंघी आईना मछरदानी दरी दी जानी है।
पूरे बिहार के प्रखंड स्तरों पर 7840 कोरोना सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें कहा जा रहा है,- 543881 लोग रह रहे हैं, सरकार कह रही है, क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर 70 करोड़ रुपया खर्च किया जा चुका है, सरकार के द्वारा बनाए गए मेन्यु के हिसाब से किसी एक भी कोरोना सेंटरों पर दिखाई नहीं दे रही है. सरकार के द्वारा दोयम दर्जे का व्यवहार प्रवासी मजदूर लोगों के साथ किया जा रहा है. गरीबों का मजाक उड़ाया जा रहा है.वही जनता के साथ भेड़, बकरियों, की तरह व्यवहार किया जा रहा है। कागजों पर जुमलेबाजी नहीं चलेगी।