विद्यालय में 20 वाँ कारगिल विजय दिवस मनाते हुए शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

मृत्युंजय कुमार , भगवानपुर ( बेगूसराय ) प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत मध्य विद्यालय मल्हीपुर, म0 विद्यालय पासोपुर, उ0 म0 विद्यालय दामोदरपुर हिंदी, म0 विद्यालय पाली डीह सहित क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में 20वाँ कारगिल विजय दिवस मनाया गया। जिसमें छात्र छात्राओं के द्वारा पेन्टिंग, लेखन, कविता पाठ सहित अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक प्रकाश रंजन रॉय ने हिंदुस्तान की सरजमीं के शहीदों की वीरता को सलाम करते कहा कि जिन्होंने अपनी बहादुरी की तलवार से फतह की एक और बेमिसाल तारीख लिख दी, गवाह है आज भी कारगिल की वो बुलंद चोटियाँ, जिसे जाबांजो ने अपने लहू से सींच कर भारत की आन बान शान को रौशन कर दिया।
छात्रों को इसका इतिहास बताते हुए शिक्षक विकास मिश्रा ने बताया कि 1999 के सर्दी में बगैर किसी आभास के पाकिस्तान ने बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठ कर लिया। बंकर और भारतीय पोस्टों को कब्ज़ा करके द्रास सेक्टर के मुसको घाटी, मर्पोला रेज लाइन, बटालिक सेक्टर, सियाचिन के क्षेत्र में दौरे पर गये भारतीय लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया को पार्टी समेत गायब कर दिया। कुछ दिन बाद उनका क्षत विक्षत शव पाकिस्तानी सेना ने भारत को सौंपा। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तीनों सेनाओं को बगैर एक पल गवांए गोली का जवाब गोलों से देने का आदेश दिया।
भारतीय सेना ने तुरंत युद्ध का एलान कर दिया। तत्कालीन आर्मी चीफ वी पी मलिक ने ऑपरेशन विजय नाम देते हुए युद्ध की शुरुआत की। वायुसेना ने ऑपरेशन सफ़ेद सागर और नौसेना ने ऑपरेशन तलवार के सहयोग से भारत ने 60 दिनों तक चले इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इस युद्ध में भारत की ओर से शहीद हुए 527 जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई। उक्त मौके पर प्रधानाध्यापक अशोक सिंह, अवधेश कुमार, अरूण कुमार शिक्षक संजय कुमार हिटलर, हरगौरी चौधरी, कृष्ण कुमार, वरदा, सुमन कुमारी सहित विद्यालय सभी छात्र छात्राएं उपस्थित थे।