
रिपोर्ट व फोटो मोहम्मद शाहनवाज अता, हाजीपुर(वैशाली)। लॉकडाउन में कर्मचारियों को अविलंब वेतन भुगतान करने के केन्द्र सरकार के आदेश के साथ साथ राज्य सरकार के ईद के पूर्व चार लाख शिक्षकों को हर हाल में वेतन भुगतान करने के दावों को सरकार के अधिकारियों ने हवा निकाल कर रख दी है।
बीते 17 फरवरी से लेकर मार्च,अप्रैल,और मई तक की अवधि का वेतन भुगतान नहीं होने के कारण बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला सचिव पंकज कुशवाहा ने सख्त लहजे में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूरे देश में कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं को सम्मानित किया जा रहा है।लेकिन वैशाली जिले में कोरोना से लड़कर कोरोन्टाईन केंद्र को सफलतापूर्वक चलाने वाले शिक्षकों को यहां की व्यवस्था अपमानित करने में कोई कसर नही छोड़ रही है। उन्होंने ने कहा तीन महीने से अधिक अवधि के बाद भी शिक्षकों को ईद के एक सप्ताह बाद भी वेतन नहीं मिलना “सुशासन”की विफलता है।
अन्य जिलों में मार्च,अप्रैल का वेतन मिला यहां आवंटन का रोना रोया जा रहा है।उन्होंने कहा कि जिले में आवंटन किसकी लापरवाही से प्राप्त नहीं हुआ इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल लापरवाह लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो इसका मतलब साफ है कि एक साजिश के तहत वैशाली में कोरोना से जंग लड़ने वाले शिक्षकों को जान बूझकर वेतन अभाव में डालकर कोरोना की जंग को कमजोर किया जा रहा है।
संघ के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी से कोरोन्टाईन केंद्र,प्रखंड कार्यालय स्थित कोषांगों पर नियुक्त शिक्षकों को सुविधा मुहैया कराने एवं उनको प्रतिदिन 350 रूपये के अनुरूप भुगतान नहीं किये जाने पर रोष जाहिर करते हुए सभी नियुक्त शिक्षकों को अविलंब राशि उपलब्ध कराने की मांग किया है।