
बिहार ही नही पुरे देश में भीषण गर्मी के कारण स्कूलों में छुट्टी चल रही है, हो भी कैसे नहीं गर्मी है ही इतनी की किसी को अपनी आगोश में ले बीमार कर दे। इसी क्रम में बिहार के कुछ जिलों में गर्मी से होने वाली बीमारियों से दिन प्रतिदिन बच्चों के मरने की खबर भी आ रही है लेकिन इन सब के वावजूद बिहार के वैशाली जिले में आंगनबाड़ी केंद्र खुले हुए है।
आईसीडीएस के अंतर्गत चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र पर स्कूल जाने से पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे नौनिहाल बच्चों पर न तो सरकार का ध्यान है और ना ही स्थानीय प्रशासन का। दोनों इन नौनिहालों के ऊपर होने वाले अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं । आखिर इन मासूमों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का हक सरकार और पदाधिकारियों को किसने दिया है । जब बड़ों के लिए स्कूलों कॉलेजों में छुट्टी दी गई तो आखिर आंगनवाड़ी के इस नौनिहालों को क्यों नहीं दी? क्या सरकार को ऐसा लगता है की आंगनवाड़ी में पढ़ रहे नौनिहाल बच्चों को गर्मी से लड़ने की शक्ति प्राइमरी, मध्य और हाई स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से कहीं ज्यादा है? या फिर सरकार और पदाधिकारी आने वाले भविष्य को दरकिनार करती दिख रही है या कर रही है।
जिले के आसपास के जिलों में बच्चों के साथ घट रही घटना को देखते हुए आंगनबाड़ी में पढ़ रहे नौनिहाल बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजने से कतराते दिख रहे हैं । इन सब को ले कर आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्षा सविता कुमारी ने कहा की उपर्युक्त मामले को ले वह वरीय पदाधिकारियों से मिल कर वार्ता करेंगी और आंगनबाड़ी को भी बंद कराने का प्रयास करेंगी।