
उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे अपने पत्र में कहा है कि समीक्षा के दौरान निर्वाचित पदाधिकारी द्वारा प्रारूप 26 (शपथ पत्र)के कंडिका 8(ii)क में पूछा गया था कि क्या अभी तक वर्तमान में वर्तमान निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख से पूर्व पिछले 10 वर्ष के दौरान किसी समय सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आवास के अभियोग में है। जिसका उत्तर मेरे द्वारा नहीं लिखा गया। (ख) में यदि उपरोक्त (क) का उत्तर हां है तो निम्नलिखित घोषणा प्रस्तुत करें। (i) सरकारी आवास का पता ( ii)उपरोक्त सरकारी आवास के संबंध में निम्नलिखित के मुद्दे में कोई सदेय नही है (क) भाटक (ख)विद्धुत प्रभार (ग)जल प्रभार।
मैने जब सरकारी आवास का उपयोग किया ही नहीं तो इन प्रश्नों के बदले में मात्र एक जगह मैंने लिख दिया कि लागू नहीं। फिर भी मेरा नामांकन अस्वीकृत किया गया जो सरासर अवैध है तथा किसी के प्रभाव में आकर किया गया प्रतीत होता है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से मुख्य चुनाव आयुक्त , निर्वाचन आयोग नई दिल्ली से आग्रह किया है कि निर्वाची पदाधिकारी 123 हाजीपुर को उनके नामांकन के आवेदन को स्वीकृति प्रदान करने का आदेश देने की मांग किया है।