
नलिनी भारद्वाज, वैशाली। पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम ने कहा कि जब तक नियोजित शिक्षक भूखा है, तब तक ज्ञान का सागर सूखा है।नियोजित शिक्षकों के साथ राज्य सरकार अन्याय कर रही है। लालू प्रसाद के जमाने मे जो शिक्षक बहाल किये गए थे ,उन्हें 65 हजार वेतन मिलता है और नीतीश कुमार के शासन में बहाल किये गए शिक्षकों को 20 हजार मिलता है।उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को पी एफ भी नही कटता है,जबकि दस से अधिक कर्मचारी रहने वाले निजी कम्पनी के कर्मियों का भी पी एफ कटने के प्रावधान है।
पूर्व मंत्री श्री राम ने कहा कि नियोजित शिक्षक पुराने शिक्षक की तरह काम करते है तो उन्हें समान वेतन देने में क्या दिक्कत है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तानाशाही रवैये के कारण नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन नही दिया जा रहा है।उन्होंने आरोप लगाया कि गत 18 जुलाई को निहत्थे शिक्षकों पर लाठी चार्य कराया गया।जो सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि उनका दल और वे नियोजित शिक्षकों की लड़ाई के साथ है। पूर्व मंत्री श्री राम बिदुपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उक्त बातें कहा। उन्होंने कहा कि राज्य की विधि व्यवस्था पूर्ण रूपेण चौपट हो गयी है। खासकर वैशाली जिले में तो प्रशासन नाम की चीज नही है। आम लोग भयभीत है। रोज कही न कही किसी स्थान पर हत्या, लूट आदि घटनाएं घट रहे है और प्रशासन रोक लगाने में निकम्मी साबित हो रही है।