The government’s dream project is openly unresponsive
सहदेई बुज़ुर्ग-सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्ट को किस कदर धरातल पर लाते है प्रखण्ड के पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि जिसका जीता जागता नमूना है सहदेई प्रखण्ड सहदेई पंचायत के वार्ड नं0 4 जिसमे लगभग 300 आबादी महादलित की है जहाँ चार चापाकल सरकार के माध्यम से लगाया गया लेकिन भगवान को ये चार चापाकल मंजूर नही था जिसमे तीन चापाकल पानी देना बंद हो गया ।
उसके बाद लोग मात्र एक चापाकल से लाइन लगाकर पानी लेना शुरू किया जो आज तक ज्यो के त्यों है न तो इस दर्द का एहसास माननीय प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, वर्तमान मुखिया और तो और मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत नलजल योजना के अध्यक्ष वार्ड सदस्य भी इसकी सुध न ले रहे है। लेंगे भी कैसे सुध न लेना अपना बरप्पन समझते है खैर जहाँ पानी की समस्या बरकारर है वहाँ सुध लेना प्रखण्ड एवं जिला का काम नही है।
लेकिन जहाँ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सहदेई बुज़ुर्ग के द्वारा पानी का सप्लाई किया जाता है जो सोलर प्लेट से संचालित होते हुये भी जनहित के काम आता है जिसका पाइप लगभग एक महीनों से करीब दो फिट में टूट हुआ है जिससे हजारो लीटर पानी बर्बाद होता है उसका क्या होगा उसका तो एकमात्र अब उपर वाला ही मालिक है।