एक दौर था जब बिहार के बच्चे भारी बोझ लिए पढ़ाई करने दूसरे राज्यों में जाया करते थे. बिहार में उच्च शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया गया था.

उस दौर में युवाओं का उज्ज्वल भविष्य कभी सरकार की प्राथमिकताओं में रही ही नहीं थी.

शिक्षा व्यवस्था में घोटाला और नौकरी में जबरदस्त धांधली का पर्याय बनकर रह गया था बिहार.

जब नीतीश कुमार जी की सरकार बनी तो राज्य का खजाना खाली था, व्यवस्था चौपट स्थिति में थी, लेकिन ये नीतीश जी का दृढ़ संकल्प ही था जिसने बिहार को उस बीमारू दौर से निकाल आज के समृद्ध और आत्मनिर्भर बिहार के रूप में देश के सामने रखा है.

आज बिहार के लगभग हर जिले में इंजिनियरिंग, मेडिकल, आईटीआई और अनेकों प्रशिक्षण संस्थान खुल गए हैं जिसने युवाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने का काम किया है.

इसके साथ-साथ अब सभी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात बड़ी कम्पनियों में रोजगार हेतु प्लेसमेंट भी दिया जा रहा है। इस संदर्भ में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में कुल 608 छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट दिया गया। साथ ही रोजगार के अवसर को और व्यापक बनाने की दिशा में बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग की ओर से सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के वर्ष 2020 एवं 2021 के पास छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में रोजगार मेले का भी आयोजन किया जा रहा है.

शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में बिहार की उपलब्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस राज्य में पहले एक ढंग का कॉलेज नहीं हुआ करता था उस राज्य में अब छात्र-छात्राओं को 15 लाख का पैकेज दिया जा रहा है.

ऐतिहासिक रूप से प्रगति के पथ पर बढ़ता बिहार अब किसी कल्पना से परे अपनी पहचान स्थापित करने में सक्षम हो चला है.

अपनी हुनर के बदौलत बिहार का नाम रौशन करने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी सफलता के लिए हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं.

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