गोसाईगंज/सुलतानपुर। अयोध्या धाम से पधारे श्री सरोज शास्त्री जी महाराज के आवाज पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन कर रहे थे। विद्वान मनीषिन ने कहा कि ज्ञान और वैराग्य भक्ति के बिना अधूरा है। श्रीमद् भागवत से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चारों पुरुषार्थ प्राप्त होते हैं ।आत्मदेव के जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि आत्मदेव के जीवन में गोकर्ण जैसे पुत्र ने सिद्ध कर दिया कि कुल की कीर्ति का विकास सुयोग्य पुत्र से प्राप्त होता है। न कि धुंधकारी जैसे पुत्र से ।धुंधकारी जैसा पुत्र कुल के लिए कलंक होता है । आसुरी शक्तियों से रक्षार्थ प्रेत पीड़ा को दूर करने एवं पितरों की प्रसन्नता के लिए श्रीमद् भागवत कथा अत्यंत महत्वपूर्ण है मौके राजकुमार लाल श्रीवास्तव, सुनील कुमार श्रीवास्तव, अवधेश कुमार श्रीवास्तव ,अतुल कुमार श्रीवास्तव , स्वामी शरण श्रीवास्तव, सुरेश श्रीवास्तव अनिल श्रीवास्तव, राधे रमण शिवम शुभम आदि अनेक लोग मौजूद रहे।

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