वाणीश्री न्यूज़, छपरा (सारण)। जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। जिले को कालाजार मुक्त करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सकारात्मक पहल भी की जा रही है। कालाजार से बचाव के लिए सिंथेटिक पैराथाइराड का छिड़काव किया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार व वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. राकेश कुमार के द्वारा जिले के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर निरीक्षण किया गया।
जिले के परसा प्रखंड के मधुरा तथा दरियापुर प्रखंड के खिरिकिया गांव में आईआरएस छिड़काव कार्य का जायजा लिया। इस दौरान राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने परसा और दरियापुर स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण किया । मरीजों को दी जानेवाली सुविधाओ के बारे में जानकारी ली। रजिस्टर व रिकार्ड भी जांच की गयी । इस दौरान गांवों में उन्होंने आमजनों से भी जानकारी ली कि आपके घर में छिड़काव हुआ है या नहीं। इस दौरान उन्होंने लोगों को कालाजार से बचाव के बारे में जानकारी भी दी। इस मौके पर डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, दरियापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सत्येंद्र सिंह, परसा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ भीएल आदित्य कुमार समेत अन्य कर्मी मौजूद थे।
कालाजार के मरीज मिले तो अस्पताल पहुंचाएं :
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.अंजनी कुमार ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक बुखार हो, भूख कम लग रहा हो और शरीर में कालापन आ गया हो, तो यह कालाजार का लक्षण है। उन्होंने बताया कि बुखार के दौरान मरीज के वजन में कमी आना और लिवर का बढ़ जाना कालाजार का प्रमुख लक्षण हैं। ऐसा कोई भी मामला सामने आए , तो मरीज को नजदीकी सरकारी अस्पताल लाएं। वहां आरके-39 किट से उनकी जांच होगी। यदि मरीज कालाजार से ग्रसित पाया गया, तो उनका नियमित और सुचारू तौर पर इलाज चलेगा। डॉ. बीरेन्द्र कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग रोगग्रसित मरीज को इलाज के लिए 71 सौ रुपये और आशा, रूरल हेल्थ प्रैक्टिशनर या कालाजार इन्फॉर्मर को 05 सौ रुपये सहायता राशि के तौर पर भुगतान करती है।
दीवार लेखन से किया जा रहा जागरूक:
डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले के अति आक्रांत प्रखंडों के ग्रामों के सार्वजनिक स्थलों सामुदायिक व सरकारी भवनों की दीवारों पर कालाजार से बचाव के लिए कालाजार के लक्षण के बारे में लेखन किया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक समुदाय को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। दीवार लेखन कार्यक्रम की फोटोग्राफी भी विभाग के द्वारा कराई जा रही है। दीवार लेखन के दौरान जागरूकता संदेश के साथ-साथ जिले के सिविल सर्जन, डीएम जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का मोबाइल नंबर भी अंकित किया जा रहा है।