महनार(वैशाली)बीते कई माह से वेतन की टकटकी लगाए नौजवान नियोजित शिक्षक मोहम्मद मंसूर आलम भी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चल रहे मौत की आंधी में इलाज के अभाव में ही जां बहक हो गए।इन्होंने अपने घर के बिस्तर ए अलालत पर ही आखरी सांस ली और मालिक ए हकीकी से जा मिले।यह महनार प्रखंड के उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय बाजीदपुर चक उस्मान में उर्दू शिक्षक के पद पर कार्यरत थे और अपनी ड्यूटी बखूबी अंजाम देते थे।इनके इंतकाल की खबर फैलते ही महनार प्रखंड समेत पूरे वैशाली जिले में शोक की लहर दौड़ गई।जिसने भी सुना वो गमजदा हो गया।सूत्रों ने बताया कि यह बीते कई माह से बीमार चल रहे थे और किडनी की बीमारी से पीड़ित थे।जिसके लिए इन्हें हाजीपुर में डायलिसिस होता था।इधर कई माह से वेतन ससमय नहीं मिलने के कारण सही समय पर इलाज नहीं हो सका और वेतन की टकटकी लगाए इलाज के अभाव में ही सनिचर की सुबह में बिस्तर ए अलाललत पर ही दायी ए अजल को लब्बैक कहा।यह निहायत नेक, मिलनसार,खुश अखलाक,मेहमान नवाज इंसान थे और सोम व सलात के पाबंद थे।
जमीयत अहले हदीस के होने के बावजूद सभी मकतबे फिक्र के लोगों से अच्छे ताल्लुकात रखते थे।लोगों के मुताबिक यह विद्यालय में अपनी ड्यूटी बखूबी अंजाम देते थे।शिक्षक मोहम्मद मंसूर आलम से पूरा इलाका खुश था और इनके जाने से पूरा इलाका गमजदा है।इनके परिवार में तीन बेटा,एक बेटी और बेवा बीवी हैं जिन्हें रोता बिलखता छोड़कर दुनिया ए फानी से कूच कर गए।इनका नमाज ए जनाजा बाद नमाज असर सरमस्तपुर गांव में ही हाफिज मोहम्मद नसीर ने पढ़ाई और चंद नमदीदा लोगों की मौजूदगी में कोरोना गाइडलाइन पर पालन करते हुए स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया।इनके इंतकाल पर शोक व्यक्त करते हुए बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोप गुट वैशाली के जिलाध्यक्ष उत्प्लकांत,जिला सचिव पंकज कुशवाहा,हजरत जन्दाहा प्रखंड के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर अली,सेवानिवृत्त शिक्षक व मशहूर शख्सियत अनवारुल हसन वस्तवी हाजीपुर,शिक्षक मोहम्मद नसीम हाजीपुर,शिक्षक मोहम्मद रजी हैदर,शिक्षक मोहम्मद जमाल,शिक्षक मोहम्मद अजहर,शिक्षक मोहम्मद मुख्तार,सेवानिवृत्त शिक्षक अब्दुल कुद्दूस,शिक्षक मोहम्मद फैसल इकबाल,शिक्षक मोहम्मद शमशेर,राजद नेता संजय राय,राजद नेता नजरे आलम,जदयू के अल्पसंख्यक नेता मोहम्मद वसीम,मोहम्मद परवेज,मोहम्मद नौशाद,मोहम्मद अयाज इकबाल,अब्दुल्लाह,सेवानिवृत्त शिक्षक हाफिज मोहम्मद नजीर आलम,बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोप गुट वैशाली के मिडिया प्रभारी मोहम्मद शाहनवाज अता आदि ने अपने – अपने गम का इजहार किया और शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया।
वहीं संघ के जिला सचिव पंकज कुशवाहा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि अब कितनी मौत के बाद जिन्दा होगी सरकार?इन्होंने ने कहा कि पूरे बिहार में आए दिन नियोजित शिक्षक की मौत इलाज के अभाव में होने का समाचार प्राप्त हो रहा है और यह सुशासन की सरकार अखबारी बयान जारी कर समाज और शिक्षकों को गुमराह कर रही है।ईद पर भी वेतन नहीं दिया और कोरोना वायरस के दूसरी लहर से हर परिवार जूझ रहा है फिर भी सरकार ससमय वेतन नहीं दे रही है जो शर्मनाक है।इन्होंने सरकार से अविलंब वेतन भुगतान करने और शिक्षक मोहम्मद मंसूर आलम के परिवार को कोरोना काल को देखते हुए उचित मुआवजा व परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।शिक्षक मोहम्मद मंसूर आलम के लिए सभी से दुआ ए मगफिरत की दरख्वास्त है।