स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दस पंचायत इलाज से वंचित

रिपोर्ट: विजय कुमार, पातेपुर। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा  स्वास्थ्य  के क्षेत्र में जितना भी सुधार का ढींढोरा पीट लिया जाएं पर  यह पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के मंडईडीह पंचायत  वासियों के लिए बेइमानी ही साबित  होगी। जिसका सीधा उदाहरण मंउईडीह गांव स्थित एक दशक से अधिक समय से बंद परा स्वास्थ्य उप केंद्र है। यह स्वास्थ्य केंद्र से मंडईडीह पंचायत के लोग ही नहीं आसपास के एक दर्जन गांव के लोगों को भी लाभ होता था। स्‍वास्‍थ उप केंद्र बन्‍द होने के कारण पंचायत वासी के साथ ही आसपास के गांव  वालों को भी काफी कठीनाईयों का सामना करना पडता है।

सम्पन्न लोग रोगियों का इलाज अनयन्‍त्र पटना हाजीपुर भी जा कर करा लेते है। परंतु सबसे अधिक कठिनाई का  सामना गरीब गुरवाओं को करना पडता है। मामूली सर्दी बुखार हो या प्रसव लोगों को बेहतर इलाज के लिए महुआ ताजपुर हाजीपुर पटना  आदि जाना पड़ता है।  जो गरीब गुरवाओं के  बस में नहीं होता। सिमड़वारा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य राकेश कुमार साह,  मंडइडीह पंचायत के पूर्व मुखिया महेश्वर प्रसाद सिंह भाजपा के वरीय नेता कृष्णानंद सिंह कांग्रेस नेता प्रेम सागर, गुड्डू कुमार आदि दर्जनों पंचायत वासी बताते है कि बंद परे  उप स्वास्थ्य केंद्र की शिकायत कई बार स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सिविल सर्जन के साथ ही मुख्यमंत्री  से भी कई बार की गई  पर किसी का ध्यान नहीं गया।

लाखों की लागत से  बना स्वास्थ्य उप केंद्र अब मात्र हाथी का दांत ही दीख रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा  यहां एक भी डा0 की नियुक्ति सप्ताह में दो दिन के लिए भी कर दी जाती तो आम लोगों के साथ ही गरीब गूरवाओं को दूर दराज इलाज के लिए नहीं भटकना  पडता पंचायत के लोगों ने  कहा कि सूबे की सरकार बंद परे स्वास्थ्य उप केंद्र को जल्द चालू कराने के लिए ठोस पहल नहीं करती है। तो पंचायत के लोग सड़क से लेकर संसद तक चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।

इस संबंध में पुछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद सिंह ने कहा कि एएनएम को भेज कर वहां टीकाकरण कराया जाता है चिकित्सकों की भारी कमी भी बड़ी समस्या है स्वास्थ्य उपकेंद्र नियमित रूप से चालू हो इसे लेकर वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
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