रिपोर्ट:विजय कुमार,पातेपुर : पातेपुर के बलिगांव थाना क्षेत्र के चकदोहरी गांव में समकालीन अभियान के तहत वारंटी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में घटना के मुख्य आरोपी के पिता ने मुख्यमंत्री बिहार, पुलिस महानिदेशक बिहार सरकार, पुलिस महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र, मानवाधिकार आयोग पटना तथा पुलिस अधीक्षक हाजीपुर वैशाली को साक्ष्य सहित लिखित आवेदन देकर बलिगांव थाने में पदस्थापित प्रशिक्षु डीएसपी द्वारा जूठा मुकदमा में फंसाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच करा कर उचित कार्रवाई करने की अपील की है।

घटना के मुख्य आरोपी बलिगांव थाना क्षेत्र के चकदोहरी गांव निवासी कपलेश्वर राय के पिता ननकी राय द्वारा पुलिस महानिदेशक,बिहार सरकार के नाम लिखे आवेदन में आरोप लगाया है कि बलिगांव थाना में पदस्थापित थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी कुमारी दुर्गा शक्ति द्वारा थाना कांड संख्या 90/21के द्वारा मेरे पुत्र कपलेश्वर राय एवं पुत्रवधु शिव कुमारी देवी का राजनीतिक छवि खराब करने के उद्देश्य से विपक्षियों से मिलकर झूठा केस में फंसाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशिक्षु डीएसपी सह बलिगांव थानाध्यक्ष कुमारी दुर्गा शक्ति के पति सीतामढ़ी जिले के बथनाहा प्रखंड के विशनपुर गांव निवासी आनंद अशोक द्वारा मोटी रकम की उगाही कर सचिवालय पटना से पैरवी कर झूठा केस किया गया है।

आनंद अशोक वर्तमान में सचिवालय पटना में पदस्थापित है। आनंद अशोक का बलिगांव थाना क्षेत्र के शराब माफियाओं एवं असमाजिक तत्व के लोगो के साथ पूर्व से सांठगांठ रहा है।‌‌ जब से कुमारी दुर्गा शक्ति बलिगांव थाने में पदस्थापित हुई है क्षेत्र में शराब माफियाओं के साथ मिलकर खुलेआम शराब का धंधा फलने फूलने लगा है। कपलेश्वर राय एक सामाजिक कार्यकर्ता है और इनके द्वारा शराब के धंधे का विरोध करने के कारण कुमारी दुर्गा शक्ति के आंखों की किरकिरी बन गए थे। जिस कारण बदले की भावना से झूठा केस कर फंसाया गया है.।श्री राय ने बताया कि उनकी पुत्रबधू शिवकुमारी देवी विगत 2016 के पंचायत चुनाव में मुखिया प्रत्याशी के रूप में द्वितीय स्थान पर रही थी। वर्तमान में होने वाली पंचायत चुनाव में मुखिया प्रत्याशी के रूप में जीत का प्रवल दावेदार है। जिसके कारण विपक्षियों द्वारा छबि को खराब करने हेतु कुमारी दुर्गा शक्ति के साथ मिलकर झूठा केस में फंसाया गया है।

बीते 15 जुलाई की रात घटित घटना के संबंध में सिरे से खारिज करते हुए बताया है कि उक्त रात उनका पौत्र संजीत कुमार आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी देहरादून में रहकर बी ए एल एल बी कर रहा है। जिसका वर्तमान में एक जुलाई से रूरल लिटिगेशन एंड इंटिटलमेंट चल रहा है। जिसकी अवधि 31 अगस्त तक है घर पर नही रहने के बावजूद केस में उक्त लड़के का नाम डाला गया है। इतना ही नही उनकी पौत्री सीता कुमारी का विवाह बीते 7 दिसंबर को समस्तीपुर जिले के सरायरंजन थाना क्षेत्र के मेयारी गांव में हुआ था तब से वह ससुराल में है तथा वह छह माह के गर्भावस्था में है जिसके देख भाल के लिए मेरी छोटी पौत्री संगीता कुमारी भी अपने बड़ी बहन के यहां ही है उन दोनो का नाम भी केस में दिया गया है जो कि घर पर थी ही नही।

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बलिगांव थाना कांड संख्या 90/21पूर्ण रूप से फर्जी तरीके से मेरे पुत्र तथा पुत्रवधु का राजनीतिक छवि खराब करने तथा शराब माफियाओं के साथ सांठगांठ का विरोध करने के कारण केस में फंसाया गया है। थाने में दर्ज उक्त केस में कही से भी सत्यता नही है।मेरे परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा न तो किसी भी प्रकार से पुलिस के साथ बल का प्रयोग किया गया है और न ही गालीगलौज तथा अभद्र व्यवहार किया गया है। इस बात की सत्यता की जांच स्थानीय ग्रामीणों से भी की जा सकती है।

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