ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर पथराव के बाद भी प्रशासन ने दिया धैर्य का परिचय
पीड़ित छात्रा के बयान पर आरोपी शिक्षक इबरार अली को भेजा गया जेल
पथराव में कई पुलिसकर्मी जख्मी, मामले में पुलिस द्वारा कई हमलावरों को किया गया गिरफ्तार
वाणीश्री न्यूज़। रिपोर्ट: बिजेन्द्र कुमार, वैशाली। बिदुपुर थाना के खिलवत गांव स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में एक छात्रा के साथ एक शिक्षक के द्वारा किये गए अश्लील हरकत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों के द्वारा जहाँ एक ओर शिक्षक को बंधक बनाकर विद्यालय में तोड़ फोड़ कर उपस्कर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। वहीं जब आरोपी शिक्षक इबरार अली को पुलिस कब्जे में लेकर पुलिस वाहन से थाना लाना चाही तो उग्र भीड़ द्वारा पुलिस पर जमकर पथराव किया गया और पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए। पथराव के कारण कई पुलिस कर्मी चोटिल होकर जख्मी हो गए।
आक्रोशित भीड़ पुलिस के कब्जे से शिक्षक को छुड़ाकर कब्जे में लेकर मारपीट करने पर उतारू थे। वही पुलिस कस्टडी में लाठी डंडों और पत्थर से मार भी रहे थे जिसे पुलिस जान पर खेलकर उक्त शिक्षक की जान तो बचा लिया लेकिन इसमें कई पुलिस कर्मियों को चोट आई। उसके बाद इस सम्बन्द्घ मे पीड़ित छात्रा के बयान के आलोक में शिक्षक को जेल भेजा गया। साथ ही साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक को विभागीय कार्रवाई करते हुए सस्पेंड भी कर दिया गया।
वही दूसरी ओर मंगलवार को अन्य शिक्षक भी आक्रोशित ग्रामीणों के भय से विद्यालय में उपस्थिति न बनाकर बी आर सी में अपनी उपस्थिति बनाये जिससे विद्यालय परिसर में मंगलवार को सन्नाटा देखा गया।
इस सम्बन्द्घ मे प्रभारी प्रधानाध्यापक चंद्रिका प्रसाद सिंह के द्वारा बिदुपुर थाने में अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध विद्यालय के उपस्कर आदि तोड़ दिए जाने की लिखित शिकायत भी किया गया है। इस सम्बन्द्घ मे उन्होंने रजिस्ट्री डाक से भी थाने को शिकायत भेजा है, क्योंकि उन्हें प्राप्ति नही दिये गए थे।
पुलिस पर हुए पथराव और वाहन क्षतिग्रस्त करने पर किया जा रहा कार्रवाई :
पुलिस पर हमला करने, उनके कार्यों को अवरूद्ध करने एवं पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त करने के मामले में थानाध्यक्ष धनन्जय कुमार पांडेय ने वीडियो फुटेज के आधार पर 22 नामजद एवं सौ से अधिक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया है। जिसमें कुल नामजद में से आठ हमलावरों को गिरफ्तार भी किया गया है जिस कारण स्थानीय ग्रामीणों में दहशत कायम है। कई ग्रामीणों ने दबे जुबान से आरोप लगाया की पुलिस निर्दोष लोगों को पकड़ रही है जबकि प्रशासन का कहना है कि वीडियो फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने घटनास्थल पर दिया धैर्य का परिचय :
घटना में आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर जमकर रोड़ेबाजी किए जा रहे थे वहीं दूसरी ओर पुलिस के द्वारा धैर्य का परिचय दिया जा रहा था। अगर नही दिया गया होता तो भयंकर हादसा घट सकती थी।यदि पुलिस बचाव में लाठी चार्ज या गोली चलाती तो कितने निर्दोष भी घायल हो सकते थे। वहीं सवाल उठता है कि क्या एक दोषी शिक्षक के कारण विद्यालय के सरकारी सम्पति को बर्बाद करना न्यायोचित है।
उस शिक्षक को कस्टडी में लेने के बाद पुलिस पर पथराव करना जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोट आई है कहाँ तक जायज है। बहरहाल पुलिसिया कार्रवाई से गांव में दहशत का माहौल कायम है,वही विद्यालय में पदस्थापित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिका भी भयभीत नजर आ रहे है।