एसएफसी में खाद्यान्न की चोरी में विभाग के नीचे से उपर तक के पदाधिकारियो की संलिप्तता की आशंका
एफआईआर करने में सभी अधिकारी एक दूसरे पर टाल मटोल करते दिखे


न्यूज़ डेस्क बिदुपुर, प्रखंड मुख्यालय प्रांगन स्थित एसएफसी के गोदाम से सोमवार की रात ट्रक से चावल की चोरी कर अन्यत्र जगह ले जा रहे लगभग पच्चीस बोरी चावल लदे एक पिकप को बिदुपुर पुलिस ने छापेमारी कर बरामद किया। इस दौरान पुलिस ने पिकप पर बैठे उपचालक को भी गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि करीब छः माह से लगातार एसएफसी में खाद्यान्न की चोरी से आजीज गोदाम के एजीएम ने घात लगाकर चोरी पकड़ी । प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब छः माह से बिदुपुर में रैक से आये ट्रक पर एसएफसी के खाद्यान्न की चोरी होती रही है। एजीएम कई बार इसकी सूचना बिभाग के साथ साथ पुलिस को दिया लेकिन चोर पकड़ में नही आये। सोमवार की शाम करीब 11 ट्रक से अधिक खाद्यान्न आने की सूचना पर एजीएम को लगा कि आज चोरी अवश्य होगी। अनुमंडल अनुश्रवण की बैठक के बाद सीधे बिदुपुर आकर नेटवर्क दुरुस्त किया।
जब अनाज की बोरे की चोरी का पता लगा तो इसकी सूचना सदर एसडीओ और बिदुपुर पुलिस को दी। बिदुपुर पुलिस एसएफसी के गोदाम के पास छापेमारी कर करीब 25 बोरा चावल और पिकअप भान जप्त किया। पुलिस ने पिकअप के खलासी सदर थाने के रजौली निवासी अमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के चले जाने पर दर्जनों लोग वहां पहुचकर पिकअप को जबरन ले जाने लगे। एजीएम ने फिर पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचते ही सभी भाग गए। थक हार कर पुलिस अपनी गस्ती गाड़ी से टोचन करके पिकअप को थाने पर लाया और एसडीओ को सूचना दी।
बाद में एसडीओ ने मामले की जांच करने और एफआईआर करने हेतु दो सदस्यीय एक टीम गठित कर बिदुपुर थाने में भेजा। एसडीओ द्वारा गठित टीम में एमओ भगवानपुर मनोज कुमार, एमओ हाजीपुर अजितेंद्र कुमार, एजीएम बल्लभ प्रसाद सिंह आदि एफआईआर करने में घण्टो एक दूसरे पर टालते रहे। टीम के लगातार कहने के बाद भी बिदुपुर एमओ अंजू कुमारी भी थाने पर एफआईआर करने नही आयी। विभाग द्वारा इस मे एफआईआर में टालमटोल रवैए से स्पष्ट होता है कि विभाग के नीचे से उपर तक पदाधिकारियो की संलिप्तता है। जिसकी वजह से एफआईआर करने में एजीएम से लेकर एमओ तक पूरे दिन थाने पर बैठकर एक दूसरे को एफआईआर करने की बात कह टाल मटोल करते दिखे। घंटो काफी मशक्कत के बाद फिलहाल एजीएम ने विभाग को चोरी की सूचना देने की बात लिखित रूप से दिया तब जाकर एफआईआर की करवाई शुरू हुई।