
,सहरसा। न्यूज डेस्क शहर के चौसठ योगिनी मत्स्यगंधा मंदिर के समीप मिथिला रिसोट होटल में शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन सहरसा के तत्वावधान में मंगलवार को ‘आइये भगवान शिव को अपना गुरु बनायें,बिषय पर एक आध्यात्मिक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें कहा गया कि भगवान शिव जो शरीर में दिखाई नही देते लेकिन व्यवहार में गुरु का काम करते हैं।बैठक में उपस्थित गुरु भाई एवं बहना को सम्बोधित करते शिव शिष्य भाई परमेश्वर ने कहा कि शिव के विभिन्न देवता स्वरुपों की पुजा अर्चना एवं उनसे जुड़ाव की प्रक्रिया भारत में स्थापित रही लेकिन भारतीय जनमानस में भगवान शिव को अपना शिष्य का भाव ना जाने किन कारणों से कभी अर्पित नही किया।उन्होंने कहा इस कालखंड में शिव के प्रथम शिष्य साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी ने श्रृद्धा अविश्वास,और संशय की मन:स्थिति में शिव को अपना गुरु मानकर शिष्य भाव देने के क्रम में पाया कि जो शिव शरीर में दिखाई नही देते वे व्यवहार में गुरु का काम करते हैं।उन्होंने कहा कि शिव शिष्य होकर व्यक्ति के लौकिक,पारलौकिक मनोरथ स्वत:पुर्ण होते हैं,हमने परीक्षा की है,आप भी शिव का शिष्य बनकर परीक्षा करें।उनके इसी संकल्प के अधीन शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन सहरसा ने लगातार आध्यात्मिक बैठक का आयोजन कर जनमानस से आह्वान किया कि भगवान शिव को गुरु मानकर अपना शिष्य भाव अर्पित करें।उन्होंने कहा कि शिव भाव के शिखर की तलहटी में समस्त संकीर्णताएं तिरोहित हो जाती हैं।
उन्होंने उदाहरण देते कहा कि चित्रित शिव परिवार में जहां बाध और बैल,मोर और सर्प,सर्प और चुहा विपरीत प्रवृति के होने के बावजूद भी आपस में प्रेम से रहते हैं,भगवान शिव की शिष्यता भी यही है।भाई परमेश्वर ने कहा कि मूल मानवीय गुणों से जब मानव का मन भटकने लगता है तब शिव की शिष्यता ही मानव में अवगुणों को त्याग करने की प्रेरणा देते हैं।
उन्होंने फाउंडेशन के मुख्यालय रांची से प्राप्त निर्देश के आलोक में देशभर के सभी जिले में जिला शिव कार्य समिति,जिला आंतरिक शिव कार्य समिति,एवं छोटे छोटे स्तर पर एक समिति का गठन कर लोगों के दिलों में शिव की शिष्यता को प्रमाणित करने का प्रयास किया गया।उन्होंने 21 सदस्यीय जिला कार्य समिति को कार्य भार समर्पित करते कहा कि शिव की शिष्यता को स्वयं भगवान शिव ने साहब श्री के माध्यम से अपने दया की बसात से प्रमाणित किया जो समाज में अब परिलक्षित होने लगा है।मौके पर उपस्थित जिला कार्य समिति के अध्यक्ष डोमी राम,उपाध्यक्ष किरण देवी,सचिव परमेश्वर राय,कोषाध्यक्ष ललित नारायण सिंह,सदस्य जटेश्वर राय,सुरेश साह, अरविंद यादव, शिवशंकर ठाकुर, जटाशंकर ठाकुर,सुरेन्द्र प्रसाद यादव,पिंकु कुमार,सोनी देवी,रीना देवी,रुक्मिणी देवी,गुड्डी देवी,आरती कुमारी,लक्ष्मी देवी,चांसु देवी,नेहा देवी,वीणा देवी ने कहा कि शिव गुरु ही एक उपाय है जिसे जांचा फिर समझ में आया कि शिव सचमुच के गुरु हैं।