न्यूज़ डेस्क, वैशाली। वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड स्थित चकसिकंदर के राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय वैशाली के अकादमिक बिल्डिंग में स्थित कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अंतर्गत विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के निर्देशानुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के सहयोग से इमर्जिंग लैब स्थापित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार ने बताया कि उद्योग जगत में नए उभरते हुए तकनीकी क्षेत्र में इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकी में कुशल, दक्ष एवं प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मांग हो रही है।
उद्योग मांग को दृष्टिगत करते हुए राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय वैशाली द्वारा आईआईटी रुड़की के सहयोग से एक उत्कृष्ट इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। आगे आपने बताया कि इस प्रयोगशाला में इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं 5G टेक्नोलॉजी में छात्र-छात्राओं को उच्च स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि छात्र-छात्राओं का नियोजन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कंपनियों में अच्छे पैकेज के साथ हो सके। मुख्य कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर पंकज कुमार ने बताया कि प्राचार्य के निर्देशन में इस आधुनिक लैब की स्थापना छात्र-छात्राओं के उच्च स्तर के प्लेसमेंट को देखते हुए कराया जा रहा है।
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर सुमित लाल बताते हैं कि इस आधुनिक प्रयोगशाला में 5G सर्वर, स्मार्ट स्ट्रीट लाइट, इंडस्ट्री 4.0 एवं अन्य एडवांस्ड लेवल डिवाइस से संबंधित उच्च स्तर के प्रशिक्षण का प्रावधान है। डिपार्टमेंट के प्रोफेसर उत्तम कुमार बताते हैं कि पाठ्यक्रम के साथ ही साथ शुरुआत से ही छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट को ध्यान में रखते हुए इमर्जिंग लैब की स्थापना की जरूरत है। प्रोफेसर जैनब एवं प्रोफेसर अपर्णा बताते हैं कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में नियोजन सुनिश्चित करने हेतु प्राचार्य के द्वारा उठाया गया यह कदम छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
मौके पर उपस्थित कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनोज कुमार साह, प्रोफेसर राहुल कुमार तथा प्रोफेसर विवेक राज अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताएं कि यह सामान्य कार्यशाला नहीं है; इसकी स्थापना के लिए आईआईटी रुड़की का सहयोग लिया गया है जो देश के उच्च स्तर के संस्थानों में से एक हैI