वाणीश्री फ़िल्मी दुनिया: हालिया रिलीज फिल्म ‘महाराजा’ के संवाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। विजय सेतुपति की बहुचर्चित फिल्म ‘महाराजा’ नेटफ्लिकस में टॉप पोजीशन पर अभी भी अपनी पकड़ बरकरार रखी हुई है। इस फिल्म को मिली सफलता के बाद कथा, पठकथा व संवाद लेखक गोपाल राम इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। विजय सेतुपति की फिल्म ‘महाराजा’ गोपाल राम की दो सौवीं फिल्म है जिनका हिंदी संवाद इनके द्वारा लिखा गया है। इस फिल्म के संवाद आज हर व्यक्ति की जुबान पर है। एक भाषा की फिल्म की कहानी को दूसरी भाषा में रूपांतरण कर लिखने का अनोखा कार्य गोपाल राम पिछले तीस वर्षों से करते आ रहे हैं। गोपाल राम दिल्ली के निवासी हैं बॉलीवुड में काफी समय काम करने के बाद वे दक्षिण भारतीय फिल्मों को हिंदी में लिखते हैं। इनकी शैली कलात्मक और रोचक है जिनमें संवादों में पंच लाइनों का भरमार होता है जो दर्शकों से जल्द जुड़ाव ले लेते हैं। साउथ की चर्चित फिल्म ‘इंद्रा द टाइगर’ का हिंदी वर्जन गोपाल राम ने लिखा है, इस फिल्म के हिंदी संवाद लोगों को बेहद पसंद आया था। सुपरहिट ‘कार्तिकेय 2’ फिल्म का भी हिंदी वर्ज़न भी इन्होंने लिखा है। शंकर के निर्देशन में विक्रम अभिनीत ‘अपरिचित’ फिल्म भी इन्हीं के कलम से लिखी गई है। इस फिल्म में मुख्य किरदार की तीन अलग अलग भूमिकाएं फिल्म में है जिसको रोचक बनाने के लिए संवाद को बेहतरीन ढंग से गोपाल राम द्वारा लिखा गया था।
रजनीकांत की फिल्म ‘बादशाह’ के संवाद इन्होंने ही लिखा है जो बेहद प्रसिद्ध हुआ था। ऐसी ही कई फिल्मों की पटकथा और संवादों को गोपाल राम ने लिखा है, जो दर्शकों को बेहद पसंद आते हैं। वर्तमान समय में टेलीविजन ओटीटी या बड़े पर्दे पर दिखाई जाने वाली दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी रूपांतरण अधिकांशतः गोपाल राम ही लिखते हैं। दक्षिण भारतीय सभी कलाकारों जैसे रजनीकांत, चिरंजीवी, विक्रम, महेश बाबू, सूर्या, अजित, विशाल, कार्तिक, जयराम रवि, शिवा राजकुमार, उपेंद्र, मोहनलाल, ममूति, कमल हासन, विजय, विजय सेतुपति, व्यंकटेश, निखिल सिद्धार्थ, नागार्जुन, अल्लु अर्जुन, जूनियर एनटीआर, रवि तेजा आदि की फिल्मों की हिंदी पटकथा और संवाद गोपाल राम ने लिखा है। गोपाल राम बॉलीवुड और टॉलीवुड में अब तक 200 फिल्मों की कहानी, संवाद और पटकथा लेखन का कार्य कर चुके हैं। इन्हें कई भाषाओं का ज्ञान है। दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी रूपांतरण का कार्य वह करते हैं और यह फिल्म उत्तर भारत में प्रदर्शित होती है।
गोपाल राम एक बेहतरीन लेखक होने के साथ फिल्मों का निर्देशन भी करते हैं। बतौर निर्देशक और लेखक इनकी आगामी फिल्म ‘ओह माय गॉड बालाजी’ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। इन्होंने अपने लेखन करियर की शुरुआत प्रसिद्ध निर्देशक राम गोपाल वर्मा के साथ शुरू की थी। रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘क्षणम क्षणम’ का हिंदी में अनुवाद इन्होंने किया था जो ‘हैरान’ नाम से हिंदी में रिलीज हुई थी। पंजाबी, मराठी, हिंदी,उर्दू, बंगाली, तमिल, तेलगु और कन्नड़ जैसी कई भाषा में इनकी अच्छी पकड़ है। स्क्रिप्ट राइटर गोपाल राम ने फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए ऐसी सैकड़ों फिल्मों की कहानी की पटकथा और संवाद कई भाषा में लिखा है। अपनी इसी कला के कारण वो कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। फिल्म इंडस्ट्री में सबसे प्रसिद्ध दादा साहेब फाल्के अकादमी अवार्ड से भी वो सम्मानित हो चुके हैं। बॉम्बे डबिंग आर्टिस्ट अवार्ड और दक्षिण भारत में भी नॉर्थ मेंटेन फिल्म क्रिटिक का अवार्ड इन्हें मिल चुका है।
बकौल गोपाल राम किसी भाषा विशेष की फिल्म को किसी अन्य भाषा में लिखना एक कलात्मक और रोचक काम के साथ साथ जिम्मेदारियों से भरा कार्य है। भाषा की मर्यादा को बनाये हुए, कलाकारों के लिपसिंग को ध्यान में रखकर, फिल्म की विषयवस्तु के साथ, संवाद को रोचक बनना आसान नहीं होता। फिल्मों का बेहद बारीकी से अनुकरण कर अपने समझदारी का परिचय देना पड़ता है। वर्तमान समय में दक्षिण भारतीय फिल्मों या अंग्रेजी फिल्मों का हिंदी में डब करने का चलन बढ़ गया है। पहले सफल फिल्में ही डब होती थी लेकिन आज फिल्मों को कई भाषाओं में ही तैयार किया जाता है जिससे भारत की बहुभाषी जनता फिल्म की विषयवस्तु को आसानी से समझ सके। हमें साउथ की फिल्में देखना चाहिए खासकर वह फिल्म जिसकी विषयवस्तु अच्छी हो। ऐसी फिल्में हमारे जीवन में, सोच में साकारात्मक बदलाव लाती है। आज का दर्शक अच्छे कॉन्टेंट वाली फिल्मों की ओर आगे बढ़ रहा है। यही वज़ह है कि साउथ की फिल्में बॉक्स ऑफिस की खिड़की पर धमाल मचा रही है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय