
वाणीश्री न्यूज़ डेस्क वैशाली। महुआ प्रखंड अंतर्गत वाया नदी में चल रहे उड़ाही कार्य का निरीक्षण अपर समाहर्ता (आपदा), अनुमंडल पदाधिकारी महुआ एवं कार्यपालक अभियंता (ड्रैनेज) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह निरीक्षण आगामी मानसून को दृष्टिगत रखते हुए संभावित बाढ़ की समस्या को रोकने के उद्देश्य से किया गया। उल्लेखनीय है कि वैशाली जिले में वाया नदी का कुल लगभग 90 किलोमीटर लंबा प्रवाह क्षेत्र है, जिसमें महुआ अनुमंडल क्षेत्र का हिस्सा लगभग 35% है। अतः इस क्षेत्र में उड़ाही का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिए गए कि उड़ाही कार्य हर हाल में समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए ताकि वर्षा ऋतु में क्षेत्र में जलजमाव या बाढ़ जैसी आपदा उत्पन्न न हो। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि नदी की ढाल (slope) और प्रवाह की दिशा (gradient) को इस प्रकार से सुनिश्चित किया जाए कि उड़ाही से निकाली गई गाद पुनः नदी में वापस न जाए।
इससे नदी की जल वहन क्षमता (carrying capacity) में वृद्धि होगी एवं जल प्रवाह सुगम होगा। इसके अतिरिक्त, निर्देशित किया गया कि उड़ाही के दौरान निकाली गई मिट्टी का प्रयोग नदी के किनारे लीव (levee) या तटीय बांध के रूप में किया जाए, जिससे वर्षा के समय आसपास के क्षेत्रों में पानी का प्रवेश (ingress) रोका जा सके। अनुमंडल पदाधिकारी महुआ ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों (BDOs) को सतत निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि कार्य में गति एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, और किसी प्रकार की लापरवाही पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन वाया नदी उड़ाही को एक प्राथमिक आपदा प्रबंधन पहल मानते हुए इसे शीघ्र और प्रभावी ढंग से पूर्ण कराने हेतु प्रतिबद्ध है।