न्यूज़ डेस्क, महनार (वैशाली)। अक्षर आंचल योजना के अंतर्गत बुनियाद साक्षरता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से रविवार को मध्य विद्यालय महनार बालक में बुनियाद साक्षर परीक्षा का सफल आयोजन किया गया। परीक्षा को लेकर सुबह से ही महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। समाज के उन वर्गों की महिलाएँ, जिन्हें अब तक शिक्षा से दूर रखा जाता रहा या जो किसी कारणवश पढ़-लिख नहीं सकीं, वे अब इस परीक्षा के माध्यम से साक्षरता की नई दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
महादलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग की महिलाएँ हुईं शामिल
शिक्षा सेवकों द्वारा महादलित टोले और आसपास के इलाकों में लगातार चलाए जा रहे साक्षरता अभियान का सकारात्मक प्रभाव इस परीक्षा में साफ दिखाई दिया। परीक्षा में महादलित, अल्पसंख्यक, दलित, अतिपिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग की बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल हुईं। इनमें अधिकांश वे महिलाएँ थीं, जिन्होंने शिक्षा सेवकों की नियमित कक्षाओं के माध्यम से अब अक्षर-ज्ञान प्राप्त कर लिया है तथा अपने जीवन में नई शुरुआत कर रही हैं।
परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न
परीक्षा केंद्र पर व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षा सेवकों की विशेष भूमिका रही। विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण कुमार सिंह, शिक्षा सेवक ललन राउत, आरती कुमारी सहित अन्य कर्मी पूरे समय उपस्थित रहे और परीक्षा को व्यवस्थित एवं शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराया।
परीक्षा के दौरान महिलाओं में न केवल उत्साह दिखा, बल्कि अपने ज्ञान की परख को लेकर आत्मविश्वास भी झलक रहा था। किसी भी प्रकार की अवांछित घटना की सूचना नहीं मिली, जिससे आयोजन सफल रहा।
साक्षरता की ओर मजबूत कदम
अक्षर आंचल योजना का उद्देश्य समाज के वंचित एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को साक्षरता के माध्यम से सशक्त बनाना है। इस परीक्षा के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता को लेकर सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। शिक्षा सेवकों के प्रयास और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को नई गति दी है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी परीक्षाएँ न केवल साक्षरता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि महिलाओं में आत्मविश्वास, जागरूकता और सामाजिक भागीदारी की भावना भी बढ़ाती हैं।
