लेखक :मनोज कुमार अग्रवाल। यूपी पुलिस के चंद कर्मचारियों और अफसरों की हरकत समूचे विभाग की बदनामी का कारण बन रहीं हैं। नोएडा में एक ट्रेनी पुलिस सब इंस्पेक्टर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कैब चालक से रुपये लूट लिए,वहीं शिकारपुर के पुलिस वालों ने एक व्यक्ति की कार में चैकिंग के दौरान सफेद कपड़े में लपेट कर तमंचा रख दिया और जेल भेज दिया लेकिन वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में पुलिस वालों की कारगुजारी कैद हो गई इतना ही नहीं लखनऊ में एक आइएएस की तैयारी कर रहे युवक ने पुलिस कर्मियों द्वारा गरीब व्यक्ति की पिटाई का विरोध किया तो पुलिस वालों ने छात्र की पिटाई की और जेल भेजने की योजना बना दी। युवक ने अपने साथी प्रशिक्षु आईपीएस को जानकारी दी तो पुलिस वालों ने माफी मांग कर रिहा कर दिया। यह है यूपी पुलिस के अजब पुलिस वालों के गजब कारनामे।
आइए विस्तार से बता दे कि नोएडा में एक कैब चालक को रोक कर एक प्रशिक्षु दारोगा ने अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट की और सुनसान स्थान पर ले गए वहां उसकी जेब से सात हज़ार रूपये लूट लिए। इस मामले में आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ एक्शन लिया गया है। आरोपी एसआई ट्रेनी दरोगा है, उस पर और उसके दो साथियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। ट्रेनी दरोगा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके साथियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम बनाई गई है।
इतना ही नहीं इस मामले में आरोपी दरोगा को बचाने के आरोप में डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा को पद से हटाया गया है। साथ ही एसएचओ बिसरख, चौकी प्रभारी गौर सिटी-1 और एक दरोगा को सस्पेंड किया गया है। मामला 3 अगस्त की रात करीब 1 बजे का है। बागपत निवासी राकेश तोमर दिल्ली में कैब चलाता है।उसने ट्रेनी दरोगा अमित मिश्रा और उसके दो साथियों पर रुपये लूटने और मारपीट करने का आरोप लगाया था।
कैब चालक राकेश का आरोप है कि वह दिल्ली से महिला सवारी को लेकर नोएडा की गौर सिटी छोड़ने पहुंचा था, तभी वहां ट्रेनी दरोगा अमित मिश्रा ने वर्दी का रौब दिखाते हुए उसे रोका और गाड़ी से उतार लिया।महिला सवारी को भी गाड़ी से जबरन उतारकर अपनी कार में बैठाने लगे। महिला ने बताया कि वह सवारी है और कैब बुक करके लाई है, तब महिला को छोड़ दिया। उसके बाद कैब ड्राइवर राकेश के साथ मारपीट की गई।उसका आरोप है कि दरोगा ने उसकी जेब में रखे रुपये भी लूट लिए।
पीड़ित राकेश दरोगा की शिकायत करने पहले गौर सिटी वन चौकी पहुंचा।वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद पीड़ित कैब चालक बिसरख थाने पहुंचा।कोतवाली इंचार्ज ने भी उसे वहां से टरका दिया।उसने आरोपी दरोगा की शिकायत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से की और पूरे मामले की जानकारी दी। सीपी ने इस मामले में जांच कराई।महिला से भी पूछताछ की गई।आरोप सही पाए जाने पर ट्रेनी दरोगा अमित मिश्रा और उसके दो साथियों आशीष और अभिनव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उनके पास मौजूद दो गाड़ियों को भी सीज किया गया।
पुलिस ने आरोपी ट्रेनी दरोगा को गिरफ्तार किया है।ग्रेटर नोएडा में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने पुलिस पर एक्शन लिया है। नोएडा वेस्ट के बिसरख इलाके में कैब ड्राइवर से पैसा वसूलने और मार-पीट करने के मामले में ट्रेनी इंस्पेक्टर को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उसके दो साथियों पर भी बड़ा एक्शन हुआ है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कमिश्नर ने घटना की जानकारी दो दिन तक छिपाए रखने के आरोप में डीसीपी सेंट्रल को पद से हटा दिया है। इसके साथ ही बिसरख थाना प्रभारी और सीटी 1 चौकी प्रभारी पर भी कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।
इस पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद दो दिन तक कार्रवाई नहीं करने और उच्चाधिकारी से घटना को छुपाने पर डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा सुनिति को उनके पद से हटाया गया है। इसके अलावा एसएचओ बिसरख, चौकी प्रभारी गौर सिटी-1 दरोगा रमेश चन्द्र तथा दरोगा मोहित को सस्पेंड किया गया है।
एक अन्य मामला राजधानी लखनऊ के बाराबिरवा में सामने आया है , जहां कुछ सिपाही एक ओला टैक्सी चालक को पीट रहे थे। मौके पर मौजूद एक आइएएस की तैयारी कर रहे युवक विनीत से रहा न गया और उसने इसका विरोध किया। फिर क्या था- सिपाही विनीत पर टूट पड़े। पहले उसे चौराहे पर पीटा, फिर ई-रिक्शे पर लादकर रेल पटरियों के किनारे ले गए, जहां लाठियां से उसकी जमकर पिटाई की और उसका मोबाइल भी तोड़ दिया।यही नहीं, पुलिस ने गांजा और स्मैक की पुड़िया की बरामदगी दिखाकर निर्दोष विनीत को जेल भेजने की बात कहकर थाने ले गए।
इस बीच मौका पाकर विनीत ने मध्य प्रदेश में प्रशिक्षु आइपीएस मित्र को पूरी घटना बताई। जानकारी के बाद प्रशिक्षु आइपीएस ने तुरंत एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह को फोन किया। तब कहीं जाकर विनीत की जान छूटी। विनीत सिंह इंदिरानगर सी ब्लाक में रहते हैं। वह दिल्ली में आइएएस की तैयारी कर रहे हैं।चोटिल युवक विनीत ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र सरोज से मामले की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
ऐसा ही मामला बुलंदशहर के शिकारपुर से सामने आया है । पुलिस के बारे में अजीबोगरीब किस्से तो आपने बहुत सुने और देखे होंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर पुलिस कैसे निर्दोष लोगों को अपराधी बना रही है इसकी बानगी एक सीसीटीवी फुटेज से देखने को मिली।पहले पुलिस की एक टीम ने कार रोक कर उसमें तमंचा रखा,फिर अवैध तमंचा की बरामदगी दिखाते हुए युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मामले में एसपी ने कार्रवाई करते हुए शिकारपुर कोतवाल सहित 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया जबकि दो होमगार्ड के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है। इंस्पेक्टर राजेश चतुर्वेदी, चौकी इंचार्ज शुभम चौधरी, कांस्टेबल सुनील कुमार, कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है, वहीं होमगार्ड नूर हसन और भूपेंद्र कुमार दोनों की रिपोर्ट होमगार्ड कमांडेंट के पास भेजी गई है।
बीते कुछ दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लेते हुए दर्जनों पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है ।हाल ही में लखनऊ गौतमी नगर क्षेत्र में कुछ शरारती तत्वों द्वारा बारिश के जलभराव के बीच एक युवती को गिरा कर छेड़छाड़ के मामले में गोमती नगर इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज और चौकी पर मौजूद समस्त पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और हुड़दंगियों की पहचान कर अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इसी तरह अयोध्या के भदरसा में हुए गैंगरेप कांड में बड़ा एक्शन लिया गया पीड़ित नाबालिग लड़की की मां द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के बाद पूरा कलंदर थानाध्यक्ष रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को सस्पेंड कर दिया था। योगी की सख्ती के बावजूद यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होता दिखाई दे रहा है,यह चिंता का विषय है। (विभूति फीचर्स)